शनिवार, 31 दिसंबर 2011

सिंह 2012 राशिफल अशुभ तिथियो सहित

सिंह 2012 राशिफल अशुभ तिथियो सहित
सिंह: (मा, मी, मू, मो, टा, टी, टू, टे)
इस राशि का स्वामी सूर्य है। इन लोगों को दिखावा बहुत भाता है। सोने कि आदत ज्यादा होती है ये सबके प्रति दयालु होते हैं किसी को कोई भी कष्ट हो उसकी मदद के लिये ये हमेशा तैयार रहते हैं।
सिंह जनवरी राशिफल- माह के पूर्वाद्ध नया काम शुरू करने से बचें. व्‍यापारी वर्ग को काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ सकता है. लंबी यात्राएं आपके लिए खास फायदेमंद साबित नहीं होंगी. स्‍वास्‍थ्‍य भी ठीक नहीं रहेगा. नौकरीपेशा लोगों को अपने सहकर्मियों की साजिशों का शिकार भी बनना पड़ सकता है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,2,10,11,19,20,28,29, जनवरी 2012
सिंह फरवरी राशिफल- महीने की शुरुआत सामान्‍य रहेगी. आर्थिक पहलु को नजरअंदाज न करें. जमीन आदि में निवेश करने से बचें. पत्‍नी का स्‍वास्‍थ्‍य चिंता का सबब बन सकता है. कार्यों में रुचि नहीं होगी. बेकार की बातों मानसिक तनाव दे सकती हैं. कारोबार में हालात मध्‍यम रहेंगे. नौकरीपेशा लोगों का अपने वरिष्‍ठों से विवाद हो सकता है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
6,7,8,15,16,24,25,फरवरी 2012
सिंह मार्च राशिफल- मेहनत रंग लाने लगी है, लेकिन अति महत्‍वाकांक्षी बनने से बचें. रणनीति बनाकर ही आगे बढ़ें. सेहत ठीकठाक रहेगी. वाहन चलाते हुए अति‍रिक्‍त सावधानी बरतें. याद रखें प्‍यार देने का नाम है, इसलिए प्रेम संबंधों में देना सीखें.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
5,6,13,14,22,23,24, मार्च 2012
सिंह अप्रैल राशिफल- कहीं से कोई पुरानी साथी या रिश्‍तेदार देवयोग से मिल सकता है. मौसमी बीमारियों से बचकर रहें. चि‍कित्‍सक के पास जाना आपके लिए बेहतर रहेगा. जीवन साथी का रवैया आपके प्रति सहयोगात्‍मक रहेगा. प्रतियोगिता से घबराएं नहीं, उसका आनंद उठाएं. फिर देखिए काम करने में कितना मजा आता है. धार्मिक कृत्‍यों के प्रति रुचि बढ़ेगी.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,2,9,10,11,18,19,20,28,29,20, अप्रैल 2012
सिंह मई राशिफल- सामान्‍य सा महीना है. काम करने का मन नहीं होगा और शरीर में दर्द होता रहेगा. मुकदमेबाजी में परिणाम आशा के विपरीत आ सकते हैं. कहीं से शुभाशुभ समाचार आ सकता है. काम को लेकर सकारात्‍मक रवैया अपनाए रखें. मानसिक स्थिति सामान्‍य रखें.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
7,8,16,17,26,27,मई 2012
सिंह जून राशिफल- किसी भी कागज़ पर हस्‍ताक्षर करने से पहले अच्‍छी तरह से जांच-पड़ताल कर लें. आपके बर्ताव से आसपास के लोगों को परेशानी हो सकती है. अपनी वाणी नियंत्रण में रखें. व्‍यर्थ किसी के पचड़े में टांग न अड़ाएं. महीना आपके लिए मिलाजुला रहने वाला है. डॉक्‍टर के पास जाना पड़ सकता है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
3,4,12,13,22,23,जून 2012
सिंह जुलाई राशिफल- समाज में आपका यश बढ़ेगा और करिअर में प्रगति होगी। भाग्य आपका साथ देगा। हालाँकि आर्थिक तौर पर उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही घरेलू और पारिवारिक मोर्चे पर भी परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है। परिवार के सदस्यों के साथ किसी भी विवाद में पड़ने से बचें।
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,2,9,10,11,19,20,21,28,29,जुलाई 2012
सिंह अगस्त राशिफल- आपकी रचनात्‍मकता की सराहना होगी. भौतिक साधनों पर धन खर्च होगा. मित्रों का सहयोग आपके जीवन की गाड़ी को रफ्तार देगा. शिक्षकों के सहयोग से विद्यार्थी वर्ग को लाभ होगा. नौकरी में आगे बढ़ने की उम्‍मीद है. सेहत के प्रति सजग रहें.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
6,7,15,16,17,24,25,अगस्त 2012
सिंह सितम्बर राशिफल- शत्रुओं की निगाह आपकी कामयाबी पर है और आपका क्रोध उनके काम को आसान बना सकता है. गुप्‍त बातें किसी के साथ साझा करने से बचें. संतान की चिंता सताएगी. पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल मची रह सकती है. सजग रहें.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
2,3,12,13,20,21,22,28,29,30,सितम्बर 2012
सिंह अक्टूबर राशिफल- इस महीने आपके लिए सब कुछ सामान्‍य रहेगा. नए लोगों से परिचय होगा, जो लाभकारी साबित होगा. नौकरी के लिए किसी नये शहर का रुख कर सकते हैं. रुका हुआ धन वापस आएगा. जीवनसाथी आपके लिए चट्टान की तरह साबित होगा.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,9,10,11,18,19,27,28, अक्टूबर 2012
सिंह नबम्बर राशिफल- मानसिक शांति मिलेगी. तनाव काफी हद तक कम हो सकता है. चित्त शांत रहेगा. संतान की ओर से सुखद समाचार मिलेगा. किसी जरूरतमंद की मदद करें, इससे आप अच्‍छा महसूस करेंगे. परिवार में आपके मान-सम्‍मान में इजाफा होगा, आपकी बात को तवज्‍जो मिलेगी.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
6,7,14,15,23,24, नबम्बर 2012
सिंह दिसम्बर राशिफल- जीवन में नए रंग भरने का वक्‍त है. पुरानी बातों को भूलकर आगे बढि़ए. मौसम का आनंद उठाइए. शैक्षिक कार्यों में खर्च करेंगे. जीवनसाथी का रवैया आपके लिए सहयोगात्‍मक होगा.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
3,4,12,13,20,21,22,30,31 दिसम्बर 2012
इस राशि का स्वामी सूर्य है। इन लोगों को दिखावा बहुत भाता है। जब तक आप सेक्सी माहौल नहीं बनाते तब तक इनका मूड नहीं बनता। लडकियों का मिजाज कुछ परिवर्तित होता है। रात को नहाकर कपडों पर हल्का परफ्यूम लगा कर सोने कि आदत ज्यादा होती है ये सबके प्रति दयालु होते हैं किसी को कोई भी कष्ट हो उसकी मदद के लिये ये हमेशा तैयार रहते हैं। सबको संरक्षण देना इनका स्वभाव है। संगीत एवं साहित्य के ये प्रेमी होते हैं। ये अत्यंत महत्वाकांक्षी होते हैं। अपनी महत्वकाक्षाओं की पूर्ति के लिए आवश्यक मेहनत भी करते हैं। अपने लक्ष्यों की प्राçप्त के लिए पूरी लग्न से कार्य करते हैं। सिंह राशि के जातक ऎसे तो किसी को कुछ नहीं कहते हैं लेकिन कोई इन्हें छे़डे, तो उसे ये छो़डते नहीं है। खान-पान में तीखा एवं राजसिक भोजन ही पसंद करते हैं। पानी कम पीते हैं। अधिक तीखा भोजन नुकसान देता है इसलिए थो़डा, सादा भोजन एवं पानी की मात्रा बढ़ायें। भोजन में साठी के चावल,अंकुरित दाल का प्रयोग करें।
सर्व-कार्य-सिद्धि के लिये तंत्र मंत्र यंत्र से संबंधित आदि कार्यों के लिए संपर्क करें प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसन्धान केन्द्र सदर गजं बाजार मेरठ कैन्ट-- 9359109683

शुक्रवार, 30 दिसंबर 2011

अशुभ तिथियों सहित कर्क 2012 राशिफल

अशुभ तिथियों सहित कर्क 2012 राशिफल (चंद्र राशिफल)
कर्क:( ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
कर्क जनवरी राशिफल- रुके हुए काम बनेंगे. हमउम्र लोगों से प्रेमभाव बढ़ेगा. नौकरी के नए योग बन रहे हैं. ऑफिस में कोई आपके खिलाफ साजिश कर रहा है, सावधान रहें. दोस्‍ती प्‍यार में बदलने के संकेत हैं. विश्वास रखें सब अच्‍छा होगा.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
8,9,16,17,18,25,26,27,जनवरी 2012
कर्क फरवरी राशिफल- महीने की शुरुआत आपके लिए अच्‍छी रहने वाली है. तबीयत में भी सुधार होगा. बचत में बढ़ो होगी. प्रेमियों के लिए वक्‍त बहुत अच्‍छा है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
4,5,13,14,21,22,23, फरवरी2012
कर्क मार्च राशिफल- सेवार्थ कुछ समय बिताइए, लाभ होगा. छोटी-मोटी बीम‍ारियों को छोड़ दें तो आमतौर पर स्‍वास्‍थ्‍य ठीक रहेगा. आर्थिक पक्ष भी सामान्‍य ही रहेगा. प्रेम-प्रसंगों में व्‍यर्थ के वाद-विवाद से बचें.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
2,3,4,11,12,20,21,30,31, मार्च 2012
कर्क अप्रैल राशिफल- आपके तानाशाही रवैये के चलते आपको विरोध का सामना करना पड़ सकता है. कुछ नया शुरू करने से बचें. वरिष्‍ठ अधिकारी आपसे नाराज हो सकते हैं. पूंजी निवेश करने से पहले किसी जानकार की सलाह अवश्‍य लें.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
7,8,16,17,26,27, अप्रैल 2012
कर्क मई राशिफल- मेहमानों के स्‍वागत के लिए तैयार रहें. विद्यार्थी वर्ग को कामयाबी मिलेगी. संपत्ति में निवेश करें. बॉस से बेकार की बहस करने से बचें. निवेश के लिए नयी योजनाएं बनायें.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
5,6,13,14,15,23,24,25, मई 2012
कर्क जून राशिफल- अपेक्षित परिणाम मिलने से मन प्रसन्‍न रहेगा. आमदनी में बढ़ोत्तरी आर्थिक पक्ष को सुदृढ़ करेगी. हां, सेहत के मामले में सावधानी की दरकार है. मित्रों का रवैया सहयोगात्‍मक रहेगा. पत्‍नी का स्‍वास्‍थ्‍य चिंताजनक रह सकता है. लंबी यात्राएं थका देने वाली रहेंगी. हवाई किले बनाना उचित नहीं है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,2,10,11,19,20,21,29,30, जून 2012
कर्क जुलाई राशिफल- सब कुछ सामान्‍य रहेगा. बेकार में यहां-वहां भटकने से बचें. पढ़ाई में ध्‍यान दें. उतार चढाव के बीच यह मास का उत्तरार्ध ठीक रहेगा रुके हुये काम के पूरा होने का समय नजदीक है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
7,8,17,18,26,27, जुलाई 2012
कर्क अगस्त राशिफल- पुराने दोस्‍तों से मुलाकात आपके जीवन में नया रंग लेकर आएगी. बाहर खाने से बचें, वरना सेहत पर इसका बुरा असर नजर आ सकता है. परिवारजन एक मजबूत दीवार की तरह आपके साथ खड़े होंगे. विद्यार्थियों के लिए समय अनुकूल है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
3,4,5,13,14,15,22,23,31,अगस्त 2012
कर्क सितम्बर राशिफल- परिवारजनों को नाराज न करें अन्‍यथा बनते काम बिगड़ भी सकते हैं. किसी जरूरतमंद की मददकर आपके दिल को खुशी प्राप्‍त होगी. प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं तो कामयाबी मिलेगी. सेहत का ख्‍याल रखें. जोड़ों में दर्द हो सकता है. व्‍यापार में मुनाफे में कमी आएगी.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,9,10,11,18,19,20,27,28, सितम्बर 2012
कर्क अक्टूबर राशिफल- आप चिंता में रहेंगे. शत्रु पक्ष आप पर हावी हो सकता है. भौतिक साधनों में व्‍यर्थ का धन खर्च होने की उम्‍मीद है. याद रखें क्रोध सबसे पहले अपना नुकसान करता है, इसलिए गुस्‍से पर काबू रखना जरूरी है. वैवाहिक जीवन में संदेह घातक साबित हो सकता है. बेहतर रहेगा कि आप अपने जीवनसाथी से इस बात कर विवाद का हल निकालें.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
7,8,16,17,24,25,26, अक्टूबर 2012
कर्क नबम्बर राशिफल- महीने की शुरुआत में कष्‍ट रहेगा, लेकिन 15 तारीख के बाद आर्थिक पक्ष में सुधार के संकेत हैं, लेकिन शारीरिक तौर पर उदर और घुटनों की तकलीफ दिक्‍कत में डाल सकती है. अपनों का सहयोग आपको जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा. संतान सुख की प्राप्ति होने के संकेत हैं. किसी पुराने मित्र से आपको काफी सहायता मिल सकती है. शत्रु शांत रहेंगे.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
3,4,5,12,13,20,21,22,30,नबम्बर 2012
कर्क दिसम्बर राशिफल- वाहन और संपत्ति आदि की खरीद-फरोख्‍त आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी. अधूरे और रुके हुए कामों को गति मिलेगी. सेहत के प्रति लापरवाही आपको भारी पड़ सकती है. धर्म के प्रति रुझान बढ़ेगा. मित्रों से सहयोग प्राप्त होगा.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,2,10,11,18,19,28,29, दिसम्बर 2012
कर्क राशि सबसे भाग्यशाली राशि मानी जाती है और चंद्रमा उसका स्वामी है. यह 80 से120 डिग्री तक का क्षेत्र को घेरे रखती है. यह राशि जल निकायों और पानी यानी तटीय क्षेत्रों समुद्र तटों और झरने के आसपास के क्षेत्र से संबंधित है. आपको सार्वजनिक स्थानों पर जाने के बजाय घर पर रहना अधिक प्रिय लगता है. आप बेहद संवेदनशील, जिज्ञासु और बेचैन प्रवृत्ति के होते हैं. आप अपने परिवार और दोस्तों के लिए समर्पण का भाव रखते हैं.
आप शारीरिक रूप से मध्यम आकार वाले, गोरे रंग के, चौड़ी छाती और लंबी भुजाओं वाले होते हैं.
आप बुद्धिमान, उज्ज्वल और श्रमसाध्य व्यक्तित्व वाले हैं. आपका अपने परिवार और बच्चों के साथ बहुत लगाव है. आपके लिए उपयुक्त व्यवसाय - चित्रकला, जल और सिंचाई विभाग से संबंधित, व्यापार और वनस्पति विज्ञान, कपास, चावल और दुग्ध व्यवसाय, सफेद धातु तथा मून स्टोन से संबंधित क्षेत्र आप के लिए उपयुक्त हैं .
आपको अपने हृदय की देखभाल करने की आवश्यकता है और इसके साथ ही साथ इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि किसी भी बात पर ज्यादा संवेदनशील होने की आवश्यकता नहीं है. व्यर्थ के मुद्दों में चिंतित न हों. पंचम भाव में राहु के स्थित होने के कारण इस अवधि में आपको दर्द की शिकायत अधिक हो सकती है.
प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसन्धान केन्द्र सदर गजं बाजार मेरठ कैन्ट 09359109683

अशुभ तिथियों सहित मिथुन 2012 राशिफल

अशुभ तिथियों सहित मिथुन 2012 राशिफल (चंद्र राशिफल)
मिथुन: (का, की, कु, घ, ड:, छ, के, को, हा)
मिथुन जनवरी राशिफल- वक्‍त थोड़ा मुश्किल है. आप कार्यक्रमों के प्रति अरुचि महसूस करेंगे. . मेहनत के बावजूद फल नहीं मिलने से हताशा आपके मन में घर कर सकती है. अति विश्वास के एवज में आपको धोखा मिल सकता है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
5,6,7,14,15,23,24,जनवरी 2012
मिथुन फरवरी राशिफल- किसी और की परेशानी में व्‍यर्थ की दखलंदाजी से बचें. कारोबार में धन का निवेश लाभकारी रहेगा. पारिवारिक जीवन में माहौल सुखद रहेगा. जब अपनी सोच काम न कर रही हो, तो किसी योग्‍य और विश्वास पात्र व्‍यक्ति की सलाह के अनुसार कार्य करना उचित रहेगा.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
2,3,11,12,19,20,29,फरवरी 2012
मिथुन मार्च राशिफल- अच्‍छा वक्‍त आने को है. शुभ संदेश जीवन में खुशियों की बौछार लेकर आएंगे. इस अच्‍छे समय का पूरा फायदा उठाएं. कमाई के नए साधन मिलेंगे. परिवार में सुख-शांति रहेगी. मन प्रसन्न रहेगा .व्‍यापारियों के लिए नए अवसर खुलेंगे.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,9,10,17,18,19,27,28,29 मार्च 2012
मिथुन अप्रैल राशिफल- जीवन में कुछ अचंभित करने वाली घटनाएं होंगी. ऐसे वक्‍त में दोस्‍त आपके बहुत काम आएंगे. विद्यार्थी वर्ग को अपनी पढ़ाई के लिए काफी मेहनत करने की जरूरत होगी. कानूनी पचड़े भी परेशान कर सकते हैं. प्रॉपर्टी में निवेश करने से बचें.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
5,6,14,15,23,24,25, अप्रैल 2012
मिथुन मई राशिफल- अगर आप मेहनत करें तो, तरक्‍की की नयी राहें खुल सकती हैं. बदलता मौसम सेहत खराब कर सकता है. माता- पिता से अनबन होने की संभावना है. घूमने-फिरने जाने से पहले घर की सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम करें. मनोरंजन पर अधिक धन खर्च करने से माहांत में आपको आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
3,4,11,12,21,22,30,31,मई 2012
मिथुन जुन राशिफल- परिवार के साथ वक्‍त बिताने का मौका मिलेगा. कहीं बाहर घूमने भी जा सकते हैं. शत्रु आपका अहित करने की ताक में हैं, सावधान रहें. परिवार में नयी खुशी आएगी. कुल मिलाकर यह महीना अच्‍छा ही फल देगा.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
7,8,9,17,18,26,27,28,जुन 2012
मिथुन जुलाई राशिफल- जिसका आप इंतजार कर रहे थे, वो लम्‍हा बस आपके दरवाजे पर दस्‍तक देने को है. पुराने मुकदमों से निजात मिलेगी. समय का सही इस्‍तेमाल करें. मनमांगी मुरादें पूरी होंगी. स्वाध्याय में रुचि बढ़ेगी. व्यापार चलेगा.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
5,6,14,15,16,24,25, जुलाई 2012
मिथुन अगस्त राशिफल- जीवन में कुछ नया होगा. सामाजिक स्‍तर पर आपके मान-सम्‍मान में इजाफा होगा. अधिकारी आपके काम से खुश होंगे. संतान का रवैया सहयोगात्‍मक रहेगा. व्यापार में सफलता मिलेगी.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,2,11,12,20,21,28,29,30,अगस्त 2012
मिथुन सितम्बर राशिफल- वक्‍त सिर्फ योजनाएं बनाने का नहीं, बल्कि उन पर अमल करने का है. अचानक किसी लंबी यात्रा पर जा सकते हैं. जीवन में नयी खुशी दस्‍तक देने को है. बाहें फैलाकर उसका स्‍वागत करें. एकाग्रचित्त होकर काम करें, सफलता अवश्‍य मिलेगी.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
7,8,16,17,25,26, सितम्बर 2012
मिथुन अक्टूबर राशिफल- बस कुछ नया होने को है. कमाई के नए साधन खुलेंगे. प्रॉपर्टी में निवेश आपके लिए फायदेमंद रहेगा. आपकी संतान आपसे वक्‍त मांगती है, ज़रा उसका भी ध्‍यान रखें.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
4,5,6,14,15,22,23,31, अक्टूबर 2012
मिथुन नबम्बर राशिफल- इस महीने में सब कुछ मध्‍यम रहेगा. आर्थिक स्‍तर पर माहौल आपके अनुकूल नहीं है. मानसिक तौर पर आप परेशान रहेंगे. परिवार से बुरी खबर मिल सकती है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,2,10,18,19,28,29, नबम्बर 2012
मिथुन दिसम्बर राशिफल- प्रेम के लिए वक्‍त अच्‍छा है. महीने के अंत में अच्‍छा समाचार मिल सकता है. किसी पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है. खाली न बैठें. विदेश भी जा सकते हैं.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
8,9,16,17,25,26,27 दिसम्बर 2012
मिथुन राशि का स्वामी बुध ग्रह है मिथुन राशि का चिन्ह एक स्त्री और एक पुरुष है.मिथुन राशि के लिए सूर्य, मंगल, गुरु, शनि अशुभ फल देते है.मिथुन राशि के लिए मंगल व गुरु मारक ग्रह होते है . मिथुन राशि के व्यक्तियों में बौद्धिक योग्यता सामान्य से अधिक होती है. सभी व्यक्ति अपनी जन्म राशि की विशेषताओं के अनुरुप व्यवहार करते है. जिन व्यक्तियों की जन्म राशि मिथुन है, वे स्वभाव से विनोदी, और आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते है.मिथुन राशि के लिए खस, वाँर्मवुड इत्र शुभ फल देने वाले ग्रह होते है.मिथुन राशि के लिए भाग्यशाली दिन सोमवार, वीरवार, शुक्रवार, बुधवार है.मिथुन राशि के व्यक्तियों को पूर्णमासी के व्रत नियम का पालन करना चाहिए.
प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसन्धान केन्द्र सदर गजं बाजार मेरठ कैन्ट 09359109683

गुरुवार, 29 दिसंबर 2011

अशुभ तिथियों सहित वृषभ 2012 राशिफल (चंद्र राशिफल)

अशुभ तिथियों सहित वृषभ 2012 राशिफल (चंद्र राशिफल)
वृष: (इ, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
वृषभ जनवरी राशिफल- कुछ तो खास होने वाला है इस महीने में. राजनीति में दिलचस्‍पी एक ऊंचा मकाम दिलाएगी. प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी, साहित्य संगीत में दिलचस्‍पी का फायदा होगा. सेहत का ख्‍याल रखें. महीने के पूर्वाद्ध में खर्चे अधिक होंगे, जिससे धन संचय में परेशानी आएगी. चांदी के लोटे मे बहती नदी का जल भर कर रखने से फायदा होगा.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
3,4,12,13,21,22,30,31 जनवरी 2012
वृषभ फरवरी राशिफल- यह मास गोचर ग्रह के अनुसार मध्यम फल वाला दृष्ट गोचर हो रहा है, ललित कलाओ में रुचि बढेगी , मेहमान के आने से खुशी मिलेगी. सोचा हुआ काम कठिनाई से बनेगा, अधिकारी की घनिष्टता त्याग दें .आजीविका के क्षेत्र में कार्य रत व्यक्तिओं को अपने सहयोगियों के साथ तालमेल आदि बनाने की आवश्यकता रहेगी, आप अपने पराक्रम से स्थिति को सकरात्मक बनाने में सफल होंगे.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,9,10,17,18,26,27,28, फरवरी 2012
वृषभ मार्च राशिफल- परिवारजनों के सहयोग से जीवन में खुशियां आएंगी. धन के अपव्‍यय से बचें. बाहर घूमने का कार्यक्रम बन सकता है. शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों की पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी. प्रेम संबंध मजबूत होगी. व्यापार में लाभ एवम उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
7,8,15,16,25,26 मार्च 2012
वृषभ अप्रेल राशिफल- तैयार रहिए, किस्‍मत आपके दरवाजे पर दस्‍तक देने को है. नौकरी में तरक्‍की और व्‍यापार में बढ़ोत्तरी के योग हैं. घूमने-फिरने का अवसर मिलेगा, लेकिन यह थकान भरा होगा. अच्छे समाचार से मन खुश होगा. विद्यार्थी वर्ग को एकाग्रचित होने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
3,4,11,12,13,21,22, अप्रैल 2012
वृषभ मई राशिफल- यह महीना आपके लिए मोटे तौर पर ठीक-ठाक रहेगा. व्‍यापार में नये आइडिया से फायदा होगा. भावुक होना अच्‍छा है, लेकिन अधिक भावुकता से बचें. सुख और धन लाभ के संकेत. जोडों के दर्द या शल्य चिकित्सा हो सकती है नौकरी व्यव्साय मे परिवर्तन के चलते घर से दूर रहना पड सकता है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,2,9,10,18,19,20,28,29, मई 2012
वृषभ जून राशिफल- वक्‍त की मांग है कि आप सावधानी बरतें. यात्रा करने से पहले इष्‍ट का स्‍मरण जरूर करें. वाहन चलाते समय सावधानी आवश्‍यक है. खान-पान पर नजर रखें. कोई शुभ समाचार मिल सकता है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
5,6,14,15,16,24,25,26, जून 2012
वृषभ जुलाई राशिफल- इच्छित लाभ की खुशी होगी. कॉम्‍पीटिशन में रिजल्‍ट आपको प्रसन्‍नता देगा. स्त्री स्वास्थ्य की चिंता करें. कार्यभार में इजाफा होगा. नौकरी में आपकी तरक्‍की संभव है. तबीयत भी कुछ नरम रहेगी. विद्यार्थी वर्ग के लिए अच्‍छी खबर हैं.सावधानी आवश्‍यक है. खान-पान पर नजर रखें. कोई शुभ समाचार मिल सकता है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
3,4,12,13,21,22,23,30,31, जुलाई 2012
वृषभ अगस्त राशिफल- आपके जीवन में नये उत्‍साह और रंग आने वाला है. भाई-बहनों का सहयोग जीवन में नयी खुशियां लेकर आएगा. व्‍यापार में नयी कामयाबी और तरक्‍की मिलेगी. रुके हुए काम पूरे होंगे. नौकरीपेशा लोगों के जीवन में तरक्‍की के नए रास्‍ते खुलेंगे.
सावधानी आवश्‍यक है. खान-पान पर नजर रखें. कोई शुभ समाचार मिल सकता है
8,9,10,18,19,26,27,28, अगस्त 2012
वृषभ सितम्बर राशिफल- मौसम की मार आपके स्‍वास्‍थ्‍य को नुकसान पहुंचा सकती है. दूर के रिश्‍तेदार आपके यहां आ सकते हैं. आपकी जरा सी लापरवाही आपको काफी नुकसान पहुंचा सकती है. लॉटरी से फायदा हो सकता है. सावधानी आवश्‍यक है. खान-पान पर नजर रखें. कोई शुभ समाचार मिल सकता है
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
4,5,6,14,15,23,24 सितम्बर 2012
वृषभ अक्टूबर राशिफल- सावधान रहें, कोई आपके खिलाफ साजिश कर रहा है. जरा सी चूक आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है. किसी मांगलिक कार्यक्रम का योग बन रहा है. सकारात्‍मक माहौल बना रहेगा. मेहनत काफी करनी पड़ सकती है. हां, उसके मुताबिक नतीजे भी मिलेगे.सावधानी आवश्‍यक है. खान-पान पर नजर रखें. कोई शुभ समाचार मिल सकता है
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
2,3,12,13,20,21,29,30,31, अक्टूबर 2012
वृषभ नबम्बर राशिफल- ग्रह कुल मिलाकर आपके साथ हैं. कामकाजी जीवन में उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिलेगा. किसी काम को जल्‍दबाजी करने से बचें, वरना नुकसान आपका ही है. अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें. बेकार की बहस में न पड़ें. स्‍वास्‍थ्‍य ठीक रहेगा. खर्च पर काबू रखने की जरूरत है. सावधानी आवश्‍यक है. खान-पान पर नजर रखें. कोई शुभ समाचार मिल सकता है
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
8,9,16,17,25,26,27, नबम्बर 2012
वृषभ दिसम्बर राशिफल- इस महीने तरक्‍की होने का योग है. आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा. नयी खरीददारी के लिए भी समय माकूल है. नए लाभकारी संबंध बनेंगे. धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी. वैवाहिक जीवन में कुछ खट्टा, कुछ मीठा रहेगा. विद्यार्थी वर्ग को बेहद मेहनत करने की जरूरत है. सावधानी आवश्‍यक है. खान-पान पर नजर रखें. कोई शुभ समाचार मिल सकता है
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
5,6,7,14,15,22,23,24, दिसम्बर 2012
वृषभ-बेल-स्वामी शुक्र,नग हिरा, रंग सफेद। वृ्षभ राशि का स्वामी शुक्र है.वृ्षभ राशि के लिए गुरु, शुक्र, चन्द्र व मंगल मारक ग्रह होते है. वृषभ राशि के व्यक्ति अत्यन्त सहन शक्ति वाले व कर्मठ होते हैं। यह किसी बात को जब तक सहन करते हैं, जब तक इनसे सहन किया जाता है, लेकिन जब कोई बात इनकी सहन करने की क्षमता से बाहर हो जाती है तो इनके अंदर का क्रोध का गुब्बार बाहर निकल प़डता है। ये व्यक्ति अत्यन्त मेहनती होते हैं। आप प्यार से कुछ भी करवा सकते हैं, लेकिन जबरदस्ती इनसे कुछ भी करवाना मुश्किल होता है। ये लगातार कई घंटों बिना थके काम कर सकते हैं। अगर किसी बात पर ये अ़ड जाये तो फिर इनसे कुछ भी करवाना मुश्किल होता है। अपनी जिद के आगे ये यह भी नहीं सोचते हैं कि सामने वाला भी सही हो सकता है, जिसके बारे में ये अपने मन में जो छवि बना लेते हैं, उसे आसानी से नहीं बदलते हैं और यही स्वभाव इनके संबंधों को खराब करता है। आपको इस समय में अचानक धन लाभ हो सकता है, बकाये धन या किसी ऐसे धन जिसकी आस आप छोड़ चुके थे उसके लिए आप प्रयास करे, लाभ होगा और पुन: प्राप्ति होगी। आपके कार्य क्षेत्र के लिए यह माह बहुत ही उत्तम है विशेषकर व्यापारिक विस्तार हेतु वर्तमान समय आपके अनुकूल रहेगा। वृ्षभ राशि के व्यक्तियों को शुक्रवार के व्रत करना शुभ रहता है. वृषक राशि के लोग स्वभाव से बहुत ही रोमांटिक होते है। लडकियों को रोमांटिक संगीत या फिल्में देखकर मजाक-मजाक में अंगों को छूने से मूड बनता है। इस राशि के लोगों को अपनी सेक्स पावर बढाने के लिए बबूल व गोंद का हलवा,तथा उडद की दाल का सेवन करना चाहिए।
प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसन्धान केन्द्र सदर गजं बाजार मेरठ कैन्ट 09359109683

मेष 2012 राशिफल (चंद्र राशिफल) अशुभ तिथियों सहित

मेष 2012 राशिफल (चंद्र राशिफल) मेष: (चू, चे, चो, ला ,ली ,लू, ले, लो अ)
मेष जनवरी राशिफल- नये साल में कोई भी काम करने से पहले अच्‍छी तरह से सोच लें. सेहत का खास ख्‍याल रखने की जरूरत है. अपनी खानेपीने की आदतों पर काबू रखें. याद रखिये दोस्‍तों के बिना कामयाबी मिल पाना आसान नहीं, इसलिए उनसे अच्‍छे संबंध बनाए रखें. देव आराधना करें, इसलिए न केवल आपका मन शांत होगा, बल्कि आने वाले कष्‍ट भी परेशान नहीं करेंगे.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,2,10,11,19,20,28,29 जनवरी 2012
मेष फरवरी राशिफल- इस महीने आपको संभलकर रहने की जरूरत है. शत्रु आपका अहित करने में सफल हो सकते हैं. जीवन साथी के साथ भी लह हो सकती है. आर्थिक रूप से भी महीना लाभकारी नहीं है- खासकर महीने के अंत में. देवयोग से मिले किसी व्‍यक्ति से जीवन को नयी दिशा मिलने की प्रबल संभावना है. मित्रों और भाइयों से सहयोग मिलेगा.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
6,7,8,15,16,24,25,फरवरी 2012
मेष मार्च राशिफल- आपका नया मकान बन सकता है. कारोबार में गति सामान्‍य रहेगी. राजनीतिक माहौल मे आपका रुतवा बढ सकता है. विरोधी आपके सामने चारों खाने चित्त होंगे. हां, बेकार के कानूनी पचड़ों में फंसने से बचें. कुछ विशेष व्‍यापारी वर्ग को लाभ हो सकता है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,5,6,13,14,22,23,24,मार्च 2012
मेष अप्रैल राशिफल- - किस्‍मत का सितारा बुलंद है. नया वाहन खरीद सकते हैं. प्रेम के लिहाज से महीना अच्‍छा है. किसी पुराने दोस्‍त से अचानक मुलाकात संभव है. यह मुलाकात फायदा देगी. पुरानी चली आ रही बीमारी से निजात मिलने का योग है. किसी को उधार देने से बचें. वर्ना उसे वापस पाने में आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,2,9,10,11,18,19,20,28,अप्रैल 2012
मेष मई राशिफल- इस महीने भी हालात अच्‍छे नहीं रहेंगे. तय कार्यक्रम के अनुसार की कार्य करें. पारिवारिक कष्‍ट परेशान कर सकते हैं, विशेषकर स्त्रियों को. नित्य अपने.अपने धर्म स्थल पर जाकर प्रार्थना करे. महीने का अंत आते-आते हालात सुधरने शुरू हो जाएंगे.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
7,8,16,17,26,27,मई 2012
मेष जून राशिफल- आपका बुरा वक्‍त बीत चुका है. पुराने कामों से फायदा मिलना शुरू होगा. आप नया काम भी प्रारंभ कर सकते हैं. दोस्‍त आपके मददगार साबित होंगे. हां, लेकिन किसी पर आंख बंद कर भरोसा करने से बचें, अन्‍यथा आपको बाद में पछताना पड़ सकता है. हां परिवार की ओर से छोटी-मोटी परेशानियां दिक्‍कत दे सकती हैं. आर्थिक पक्ष सुदृढ़ रहेगा.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
3,4,12,13,22,23,जून 2012
मेष जुलाई राशिफल- पार्टी देने की तैयारी कीजिए, महीनों से रुका हुआ काम पूरा होगा. नौकरी में तरक्‍की मिलने के पूरे योग हैं. ससुराल पक्ष से मित्रवत व्‍यवहार रखें. व्‍यापारी वर्ग को खास लाभ होगा. दुनिया आपके काम की तारीफ करेगी. मान-सम्‍मान में इजाफा होगा. गृहस्‍थी में भी सब ठीकठाक चलेगा. छात्रों के लिए भी नतीजे आशानुरूप रहेंगे.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,2,9,10,11,19,20,21,28,29,जुलाई 2012
मेष अगस्त राशिफल- घर मे नये मेहमान के आने की तैयारी जोरों पर है. नए लोगों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें. पुरानी समस्‍या नए कलेवर और तेवर में आपके सामने आ सकती है. दोस्‍तों के साथ मिलकर कोई नया काम शुरू कर सकते हैं. नौकरी में भी आपको तरक्‍की मिल सकती है.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
6,7,15,16,17,24,25,अगस्त 2012
मेष सितम्बर राशिफल- याद रखिए वाणी ही मित्र और शत्रु बनाती है, इसलिए इसका इस्‍तेमाल काफी सोचकर करें. स्त्री वर्ग के लिये यह महीना बेहद शुभ है. शत्रुओ के गुप्त षडयन्त्रों से सावधान रहने की जरूरत है. परिश्रम अधिक करना पडे. सेहत का खयाल रखें. विद्यार्थी बर्ग के लिये प्रतियोगिताओं का परिणाम उत्तम रहे
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
2,3,12,13,20,21,22,28,29,30,सितम्बर 2012
मेष अक्टूबर राशिफल- इस महीने आपको कुछ खट्टा मिलेगा तो कुछ मीठा. माह की शुरुआत तो अच्‍छी रहेगी, लेकिन माह के अंत में कुछ समस्‍याएं परेशान कर सकती हैं. लंबी यात्राएं फायदेमंद तो होंगी, लेकिन इसके लिए काफी धन भी खर्च करना पड़ सकता है. शत्रु आपको परेशान करने की कोशिश करेंगे, लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाएंगे.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
1,9,10,11,18,19,27,28,अक्टूबर 2012
मेष नवम्बर राशिफल- नो प्रोफिट नो लॉस. यह महीना कुछ इसी तरह रहेगा. भौतिक जरूरतों का सामान खरीदेंगे. घूमने-फिरने और मनोरंजन पर काफी खर्चा करेंगे. शत्रुओं से सावधान रहें.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
6,7,14,15,23,24,नवम्बर 2012
मेष दिसम्बर राशिफल- इस माह मे धन के आकस्मिक योग बन रहे है. अगर आपके सिर पर उधार है, तो इस महीने में आप उसे चुका पाने में कामयाब होंगे. जो काम अब तक केवल दिमाग में ही थे, वे अब हक़ीकत के धरातल पर उरतने को हैं. यह आपकी कामयाबी में एक बड़ी छलांग होगी.
आपके लिये ये तिथियां ठीक नही है सावधानी कि आवश्यकता है
3,4,12,13,20,21,22,30,31 दिसम्बर 2012
मेष का अर्थ है मेंडा (नर भेड़) इस राशि के तारों को मिलाकर यदि काल्पनिक रेखाएं खिंची जाएँ तो मेंढे का रूप बनता है| इसलिए इसका नाम मेष है | यह काल पुरुष का मस्तक है| मेष राशि वाले जन्म से ही भाग्यशाली होते हैं क्योंकि इनकी राशि में शुक्र ग्रह धन का नैसर्गिक स्वामी है, सूर्य, शिक्षा का स्वामी है, बृहस्पति भाग्य का स्वामी और शनि व्यवसाय और लाभ स्थान का स्वामी है| आप शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत रहेंगे, लेकिन आपने जो हासिल किया है उससे आप थोड़े बेचैन और असंतुष्ट भी हो सकते हैं| आप अधिकतर बेहतरीन और साहसिक अवसरों की तलाश में रहेंगे|अपने बुद्धिबल और सूझबूझ के चलते कुछ भाग्यवर्धक घटनाएं मेष राशि को उत्साहित करेंगी। आपकी राशि में अष्टम भाव का स्वामी भी मंगल है जिस कारण आप अत्यधिक क्रोधित स्वभाव के हो सकते हैं|बुध आपकी राशि में स्थित होकर आपके व्यक्तित्व पर कम से कम प्रभाव डालता है, जिस कारण आप स्वभाव से स्पष्टवादी होंगे तथा धूर्तता से बचेंगे|
प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसन्धान केन्द्र सदर गजं बाजार मेरठ कैन्ट 09359109683

रविवार, 25 दिसंबर 2011

इस बार 57 साल बाद शनिश्चरी अमावस्या 24 को, इन मंत्रों से होगी हर परेशानी दूर

इस बार 57 साल बाद शनिश्चरी अमावस्या 24 को, इन मंत्रों से होगी हर परेशानी दूर -
भारतीय ज्योतिष के अनुसार हर ग्रह की अपनी प्रकृति है और वह उसी के अनुसार किसी व्यक्ति पर असर डालता है। मनुष्य जीवन पर सबसे अधिक समय तक यदि कोई ग्रह प्रभाव डालता है तो वह है शनि। शनि किसी भी धनवान व्यक्ति को भिखारी भी बना सकता है। ग्रहों के मुख्य नियंत्रक हैं शनि। उन्हें ग्रहों के न्यायाधीश मंडल का प्रधान न्यायाधीश कहा जाता है। शनिदेव के निर्णय के अनुसार ही सभी ग्रह मनुष्य को शुभ और अशुभ फल प्रदान करते हैं। इस बार 57 साल बाद अपने नक्षत्र केतु और अपनी उच्च राशि तुला में शनिवार के दिन शनि अमावस्या आ रही हैं इससे पूर्व वर्ष 1954 में ऐसा हुआ था, जब अपने नक्षत्र और उच्च राशि तुला में शनि अमावस्या आई हो। इस बार मूल नक्षत्र केतु का काल 24 दिसंबर को सुबह 9.19 बजे ज्येष्ठा नक्षत्र का उपरांत प्रारंभ होगा।वर्ष 2012 में एक बार अप्रैल में शनि अमावस्या आएगी
अमावस्या का महत्व
शास्त्रों के अनुसार देवों से पहले पितरों को प्रसन्न करना चाहिए. जिन व्यक्तियों की कुण्डली में पितृ दोष हो, संतान हीन योग बन रहा हो या फिर नवम भाव में राहू नीच के होकर स्थित हो, उन व्यक्तियों को यह उपवास अवश्य रखना चाहिए. इस उपवास को करने से मनोवांछित उद्देश्य़ की प्राप्ति होती है. विष्णु पुराण के अनुसार श्रद्धा भाव से अमावस्या का उपवास रखने से पितृ्गण ही तृ्प्त नहीं होते, अपितु ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, अश्विनी कुमार, सूर्य, अग्नि, अष्टवसु, वायु, विश्वेदेव, ऋषि, मनुष्य, पशु-पक्षी और सरीसृप आदि समस्त भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते है.
24 दिसम्बर को शनि अमावस्या है। इस दिन शनि देव का पूजन सभी मनोकामनाएं पूरी करता है। सा़ढ़ेसाती व ढैया प्रभावित जातक शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव का विधिवत पूजन कर पर्याप्त लाभ उठा सकते हैं क्रूर नहीं कल्याणकारी हैं शनि। इस दिन विशेष अनुष्ठानों से पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पा सकता है। इसके अलावा शनि का पूजन और तैलाभिषेक कर शनि की साढेसाती, ढैय्या और महादशा जनित संकट और आपदाओं से भी मुक्ति पाई जा सकती है, इसलिए शनैश्चरी अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध जरूर करना चाहिए। यदि पितरों का प्रकोप न हो तो भी इस दिन किया गया श्राद्ध आने वाले समय में मनुष्य को हर क्षेत्र में सफलता प्रदान करता है, क्योंकि शनिदेव की अनुकंपा से पितरों का उद्धार बडी सहजता से हो जाता है।
24 दिसंबर को शनिश्चरी अमावस्या है। इस अवसर पर यदि शनिदेव को प्रसन्न किए जाए तो उनका कुप्रभाव कम हो सकता है। नीचे शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ मंत्र दिए हैं। इनके विधिवत जप से शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं-
वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
लघु मंत्र
ऊँ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
जप विधि
शनिश्चरी अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर कुश (एक प्रकार की घास) के आसन पर बैठ जाएं। सामने शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें व उसकी पंचोपचार से विधिवत पूजन करें। इसके बाद रूद्राक्ष की माला से इनमें से किसी एक मंत्र की कम से कम पांच माला जप करें तथा शनिदेव से सुख-संपत्ति के लिए प्रार्थना करें। यदि प्रत्येक शनिवार को इस मंत्र का इसी विधि से जप करेंगे तो शीघ्र लाभ होगा।
24 दिसंबर को शनिश्चरी अमावस्या है। यदि इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उपाय किए जाएं तो शनिदेव अति प्रसन्न होते हैं तो जीवन में आ रही परेशानियों को कम कर देते हैं। यदि आप भी शनि पीड़ा से मुक्ति चाहते हैं तो शनिश्चरी अमावस्या के दिन नीचे लिखे टोटके करें-
टोटके
*- कांसें की कटोरी में तेल भरकर उसमें अपनी परछाई देखकर दान करें।
*- सरसों के तेल में लोहे की कील डालकर दान करें और पीपल की जड़ में तेल चढ़ाएं।
*- शनिश्चरी अमावस्या केदिन सूर्यास्त के समय जो भोजन बने उसे पत्तल में लेकर उस पर काले तिल डालकर पीपल की पूजा करें तथा नैवेद्य लगाएं और यह भोजन काली गाय या काले कुत्ते को खिलाएं।
*- तेल का पराठा बनाकर उस पर कोई मीठा पदार्थ रखकर गाय के बछड़े को खिलाएं।
जिन जातक की जन्म कुंडली या राशियों पर शनि की साढ़ेसाती व ढैया का प्रभाव है वे इसकी शांति व अच्छे फल प्राप्त करने के लिए शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव का विधिवत पूजन कर पर्याप्त लाभ उठा सकते हैं।
*पवित्र नदी के जल से या नदी में स्नान कर शनि देव का आवाहन और उनके दर्शन करे ।
*श्री शनिदेव का आह्वान करने के लिए हाथ में नीले पुष्प, बेल पत्र, अक्षत व जल लेकर इस मंत्र का जाप करते हुए प्रार्थना करें- ह्रीं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायार्मात्ताण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम्।। ह्रीं बीजमय, नीलांजन सदृश आभा वाले, रविपुत्र, यम के अग्रज, छाया मार्तण्ड स्वरूप उन शनि को मैं प्रणाम करता हूं और मैं आपका आह्वान करता हूँ॥
*शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे अनुकूल मंत्र है ' शनि मंत्र --ॐ शं शनैश्चराय नम:,इस मंत्र का जाप करे .इस दिन आप श्री शनि देव के दर्शन जरूर करें।
*शनिदेव की दशा में अनुकूल फल प्राप्ति कराने वाला मंत्र ( ओम् प्रां प्रीं प्रौं शं शनैश्चराय नम:)
*श्री शनिदेव का अदभुद वैदिक मंत्र नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम् छायामार्तण्ड संभूतम् तम नमामि शनैश्चरम्॥
* इस दिन मनुष्य को सरसों का तेल, उडद, काला तिल, देसी चना, कुलथी, गुड शनियंत्र और शनि संबंधी समस्त पूजन सामग्री अपने ऊपर वार कर शनिदेव के चरणों में चढाकर शनिदेव का तैलाभिषेक करना चाहिए।
* शनिश्चरी अमावस्या को सुबह या शाम शनि चालीसा का पाठ या हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का पाठ करें।
*. पीपल के पेड़ पर सात प्रकार का अनाज और सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं।
*. तिल से बने पकवान, उड़द से बने पकवान गरीबों को दान करें और पक्षियों को खिलाएं .
*. शनि अमावस्या के दिन बरगद के पेड की जड में गाय का कच्चा दूध चढाकर उस मिट्टी से तिलक करें। अवश्य धन प्राप्ति होगी।
* शनि अमावस्या के दिन संपूर्ण श्रद्धा भाव से पवित्र करके घोडे की नाल या नाव की पेंदी की कील का छल्ला मध्यमा अंगुली में धारण करें।
* शनि अमावस्या के दिन 108 बेलपत्र की माला भगवान शिव के शिवलिंग पर चढाए। साथ ही अपने गले में गौरी शंकर रुद्राक्ष 7 दानें लाल धागें में धारण करें।
* जिनके ऊपर शनि की अशुभ दशा हो ऐसे जातक को मांस , मदिरा, बीडी- सिगरेट नशीला पदार्थ आदि का सेवन न करे
आपकी राशि- प्रभाव - उपचार
मेष - दुर्घटना, यश हानि - शनि का तेलाभिषेक
वृष - आकस्मिक लाभ - लोहे की वस्तुदान
मिथुन - रोग व शत्रु पीड़ा - उड़द की वस्तुदान
कर्क - कर्ज से मुक्ति - शनि का तेलाभिषेक
सिंह - पारिवारिक कलह - बंदरों को गुड़ एवं चने
कन्या - धनलाभ, विदेशयात्रा - लोहे की वस्तुदान
तुला - मान-सम्मान में वृद्धि - उड़द की वस्तुदान
वृश्चिक - मानसिक क्लेश - लोहा एवं तेलदान
धनु - स्थान परिवर्तन, विदेश यात्रा- काले वस्त्रदान
मकर - आर्थिक लाभ, समृद्धि - शनि यंत्र की पूजन
कुंभ - राज पद की प्राप्ति - पानी में कोयला प्रवाह
मीन - कार्य सिद्धि - तेल, तिल व गुड़ का दान
प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसन्धान केन्द्र सदर गजं बाजार मेरठ कैन्ट 09359109683

शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

9 वर्ष बाद बन गया फिर 2011 में दो धनतेरस का योग; धन और श्रद्धा होगी दुगनी---भगवान धनवन्तरी की पूजा का पर्व हे धनतेरस---

दीपावली से पूर्व खरीददारी का महापर्व धनतेरस/धनत्रयोदशी इस बार दो दिन तक मनायी जायेगी ..यह योग नो वर्षों के बाद एक बार फिर बन गया है इसका कारण यह हें की 24 अक्टूबर 2011 को सूर्य शाम को स्वाती नक्षत्र( 04 :45 बजे) में आ जायेगा..इसी दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र भी रहेगा..यह उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र 25 अक्टूबर को प्रातः तीन(3) बजकर 45 मिनट तक रहेगा..इसके बाद में हस्त नक्षत्र आ जायेगा..शास्त्रो के अनुसार उत्तराफाल्गुनी नक्श्रा में अबूझ मुहूर्त, मांगलिक कार्य,और खरीददारी करने का श्रेष्ठ मुहूर्त होता हैं..वहीँ हस्त नक्षत्र भी इन कार्यो हेतु उत्तम माना गया है 24 अक्टूबर,2011 को धन त्रयोदशी दोपहर में 12 :35 से शुरू होकर अगले दिन सुबह नो (09 )बजे तक रहेगी...चूँकि दीपदान शाम को त्रयोदशी और प्रदोष कल में किया जाता हें..और धन्वन्तरी जयंती उदियत तिथि में त्रयोदशी होने पर मनाई जाती हैं..इसी कारण २४ अक्टूबर,2011 की शाम को त्रयोदशी होने पर दीपदान किया जा सकेगा जबकि 25 अक्टूबर,2011 को सूर्योदय के समय त्रयोदशी होने के कारन इसी दिन भगवन धन्वन्तरी की जयंती धूम धाम से मनाई जाएगी 25 अक्टूबर,2011 की शाम को चतुर्दशी तिथि होने के कारण इस दिन रूप चतुर्दशी पर्व मनाया जायेगा

पांच दिनों तक चलने वाले पर्वों दीपावली की शुरुआत धन तेरस से होती है।

धन तेरस को धन त्रयोदशी भी कहते हैं। धनतेरस का त्योहार हिन्दू पंचाग के अनुसार कार्तिक बदी १३ को मनाया जाता है।

जिस प्रकार देवीलक्ष्मी सागर मंथन से उत्पन्न हुई थीं, उसी प्रकार भगवान धनवन्तरी भी अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं। देवी लक्ष्मी हालांकि धन देवी हैं, परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए हमको स्वस्थ्य और लम्बी आयु भी चाहिए। यही कारण है कि दीपावली के दो दिन पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हैं।

कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही भगवान धन्वन्तरी का जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि को भगवान धन्वन्तरी के नाम पर धनतेरस कहते है । धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरी चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे,इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है।

भगवाण धन्वंतरी की साधना के लिये एक साधारण मंत्र है:

ॐ धन्वंतरये नमः॥

इसके अलावा उनका एक और मंत्र भी है:

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धन्वंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

अर्थात

परम भगवन को, जिन्हें सुदर्शन वासुदेव धन्वंतरी कहते हैं, जो अमृत कलश लिये हैं, सर्वभय नाशक हैं, सररोग नाश करते हैं, तीनों लोकों के स्वामी हैं और उनका निर्वाह करने वाले हैं; उन विष्णु स्वरूप धन्वंतरी को नमन है।

गुरुवार, 13 अक्तूबर 2011

दीपावली पूजन सामग्री

धूप बत्ती (अगरबत्ती);चन्दन;कुमकुम;चांवल;अबीर;गुलाल;अभ्रक;हल्दी;चूड़ी;काजल;पायजेब;सोभाग्य द्रव्य-मेहंदी;बिछुड़ी अदि आभूषण;नाडा(मोली/लच्छा);

कपूर;केसर;रुई;यज्ञोपवित(जनेऊ)-पांच/५;रोली;सिंदूर;सुपारी पण के पत्ते;पुष्पमाला;कमल गत्ते;धनिया(खड़ा/बिना पिसा हुआ);पांच मेवा;गंगाजल;कुषा एवं दूर्वा;सप्तधान्य;सप्त म्रत्रिका ;शहद(मधु);चीनी(शक्कर);शुध्द घी;दूध;दहीं;
ऋतुफल--(गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े इत्यादि)
नैवेद्य या मिष्ठान्न --(पेड़ा, मालपुए इत्यादि)
इलायची (छोटी);लौंग;इत्र की शीशी;तुलसी दल;सिंहासन (चौकी, आसन)
पंच पल्लव (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते)
औषधि (जटामॉसी, शिलाजीत आदि)
लक्ष्मीजी का पाना (अथवा मूर्ति);गणेशजी की मूर्ति;सरस्वती का चित्र;चाँदी का सिक्का
लक्ष्मीजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र
गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र
अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र
जल कलश (ताँबे या मिट्टी का)
सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
लाल कपड़ा (आधा मीटर)
पंच रत्न (सामर्थ्य अनुसार)
दीपक
बड़े दीपक के लिए तेल
ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा)
श्रीफल (नारियल)
धान्य (चावल, गेहूँ)
लेखनी (कलम)
बही-खाता, स्याही की दवात
तुला (तराजू)
पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल)
एक नई थैली में हल्दी की गाँठ,
खड़ा धनिया व दूर्वा आदि
खील-बताशे
अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र

तत्पश्चात् माता महालक्ष्मी जी का पूजन ’ओइम् महालक्ष्म्मै नमः‘ मन्त्र बोलते हुये सभी वस्तुएं यथा रोली, कलावा, पुष्प, मीठा व फल आदि लक्ष्मी जी को अर्पित करें। लक्ष्मी जी के पास बही खाते, कलम-दवात, कुबेर-यंत्रा, श्रीयंत्र आदि रखे।
कुबेर यंत्र पर ओम कुबेराय नमः मंत्र बोल कर पुष्प, चावल रोली,कलावा, फल व मिठाई आदि अर्पित करें। व्यापारी वर्ग बाट-तराजू की पूजा पुष्प चावल हाथ में लेकर ’ओम तुलाधिवठातृ देवतायें नमः‘ बोलते हुये अर्पित करे, इसके पश्चात् तेल के सभी दीपक जलाएं और पुष्प व चावल हाथ में लेकर ओम दीपावल्यै नमः का उच्चारण कर अर्पित करें।

दीपावली पूजन कैसे करें----2

मंत्र-पुष्पांजलि : ( अपने हाथों में पुष्प लेकर निम्न मंत्रों को बोलें) :- ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्‌ । तेह नाकं महिमानः सचन्त यत्र पूर्वे साध्याः सन्ति देवाः ॥ ॐ राजाधिराजाय प्रसह्य साहिने नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे । स मे कामान्‌ कामकामाय मह्यं कामेश्वरो वैश्रवणो ददातु ॥ कुबेराय वैश्रवणाय महाराजाय नमः । ॐ महालक्ष्म्यै नमः, मंत्रपुष्पांजलिं समर्पयामि । (हाथ में लिए फूल महालक्ष्मी पर चढ़ा दें।) प्रदक्षिणा करें, साष्टांग प्रणाम करें, अब हाथ जोड़कर निम्न क्षमा प्रार्थना बोलें :- क्षमा प्रार्थना : आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्‌ ॥ पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वरि ॥ मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि । यत्पूजितं मया देवि परिपूर्ण तदस्तु मे ॥ त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव । त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वम्‌ मम देवदेव । पापोऽहं पापकर्माहं पापात्मा पापसम्भवः । त्राहि माम्‌ परमेशानि सर्वपापहरा भव ॥ अपराधसहस्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया । दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि ॥ पूजन समर्पण : हाथ में जल लेकर निम्न मंत्र बोलें :- 'ॐ अनेन यथाशक्ति अर्चनेन श्री महालक्ष्मीः प्रसीदतुः' (जल छोड़ दें, प्रणाम करें) विसर्जन : अब हाथ में अक्षत लें (गणेश एवं महालक्ष्मी की प्रतिमा को छोड़कर अन्य सभी) प्रतिष्ठित देवताओं को अक्षत छोड़ते हुए निम्न मंत्र से विसर्जन कर्म करें :- यान्तु देवगणाः सर्वे पूजामादाय मामकीम्‌ । इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च ॥ ॐ आनंद ! ॐ आनंद !! ॐ आनंद !!! लक्ष्मीजी की आरती ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निसदिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ॐ जय... उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता । सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय... तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता । जोकोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ॐ जय... तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता । कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ॐ जय... जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता । सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ॐ जय... तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता । खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ॐ जय... शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता । रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ॐ जय... महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता । उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ॐ जय... (आरती करके शीतलीकरण हेतु जल छोड़ें एवं स्वयं आरती लें, पूजा में सम्मिलित सभी लोगों को आरती दें फिर हाथ धो लें।) परमात्मा की पूजा में सबसे ज्यादा महत्व है भाव का, किसी भी शास्त्र या धार्मिक पुस्तक में पूजा के साथ धन-संपत्ति को नहीं जो़ड़ा गया है। इस श्लोक में पूजा के महत्व को दर्शाया गया है- 'पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति। तदहं भक्त्यु पहृतमश्नामि प्रयतात्मनः॥' पूज्य पांडुरंग शास्त्री अठवलेजी महाराज ने इस श्लोक की व्याख्या इस तरह से की है 'पत्र, पुष्प, फल या जल जो मुझे (ईश्वर को) भक्तिपूर्वक अर्पण करता है, उस शुद्ध चित्त वाले भक्त के अर्पण किए हुए पदार्थ को मैं ग्रहण करता हूँ।' भावना से अर्पण की हुई अल्प वस्तु को भी भगवान सहर्ष स्वीकार करते हैं। पूजा में वस्तु का नहीं, भाव का महत्व है। परंतु मानव जब इतनी भावावस्था में न रहकर विचारशील जागृत भूमिका पर होता है, तब भी उसे लगता है कि प्रभु पर केवल पत्र, पुष्प, फल या जल चढ़ाना सच्चा पूजन नहीं है। ये सभी तो सच्चे पूजन में क्या-क्या होना चाहिए, यह समझाने वाले प्रतीक हैं। पत्र यानी पत्ता। भगवान भोग के नहीं, भाव के भूखे हैं। भगवान शिवजी बिल्व पत्र से प्रसन्न होते हैं, गणपति दूर्वा को स्नेह से स्वीकारते हैं और तुलसी नारायण-प्रिया हैं! अल्प मूल्य की वस्तुएं भी हृदयपूर्वक भगवद् चरणों में अर्पण की जाए तो वे अमूल्य बन जाती हैं। पूजा हृदयपूर्वक होनी चाहिए, ऐसा सूचित करने के लिए ही तो नागवल्ली के हृदयाकार पत्ते का पूजा सामग्री में समावेश नहीं किया गया होगा न! पत्र यानी वेद-ज्ञान, ऐसा अर्थ तो गीताकार ने खुद ही 'छन्दांसि यस्य पर्णानि' कहकर किया है। भगवान को कुछ दिया जाए वह ज्ञानपूर्वक, समझपूर्वक या वेदशास्त्र की आज्ञानुसार दिया जाए, ऐसा यहां अपेक्षित है। संक्षेप में पूजन के पीछे का अपेक्षित मंत्र ध्यान में रखकर पूजन करना चाहिए। मंत्रशून्य पूजा केवल एक बाह्य यांत्रिक क्रिया बनी रहती है, जिसकी नीरसता ऊब निर्माण करके मानव को थका देती है। इतना ही नहीं, आगे चलकर इस पूजाकांड के लिए मानवके मन में एक प्रकार की अरुचि भी निर्माण होती है। इसके पश्चात अन्त में थाली में कपूर और घी का दीपक रखकर गणेश जी तथा लक्ष्मी जी की आरती करें। स्वयं व परिवार के सभी सदस्यों को भी तिलक करें व रक्षा-सूत्रा हाथ में बांधें, इसके पश्चात् हाथ में पुष्प व चावल लेकर संकल्प करें, अपना नाम और गोत्रा बोलते हुये कि मैं सपरिवार आज दीपावली के शुभ अवसर पर महालक्ष्मी का पूजन, कुबेर व गौरी-गणपति के साथ धन-धान्यादि, पुत्रा-पौत्रादि, सुख समृद्धि हेतु कर रहा हूं। हाथ के पुष्प व चावल नीचे छोड़ दें। फिर निम्न प्रार्थना करें:- ’इन्द्र, पूषा, बृहस्पति हमारा कल्याण करें, पृथ्वी, जल अग्नि, औषधि हमारे लिये हितकारी हो, भगवान विष्णु हमारा कल्याण करे। अग्नि देवता,सूर्य देवता, चन्द्रमा देवता, वायु देवता, वरूण देवा व इन्द्र आदि देवता हमारी रक्षा करें। सभी दिशाओं और पृथ्वी पर शांति रहे। हम गणेश जी, लक्ष्मी-नारायण, उमा-शिव, सरस्वती, इन्द्र, माता-पिता व कुल देवता ग्राम या नगर देवता, वास्तुदेवता, स्थान देवता, एवम् सभी देवताओं और ब्राहमणों को प्रमाण करते हैं। इसके बाद ’ओम श्री गणेशाय नमः‘ बोलते हुये गणेश जी का पुष्प, दूर्बादल आदि से पूजन करें। भगवान गणेश जी को नैवेद्य मिठाई, फल समर्पित करें। फिर पुष्प व चावल (अक्षत) हाथ में लेकर ओम भूभुर्वः स्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नमः बोलते हुये माता पार्वती का पूजन करे, नैवेद्य व फल समर्पित करें। हाथ जोड़कर प्रणाम करें। तत्पश्चात् पुष्प व अक्षत हाथ में लेकर 16 बिन्दु अर्थात षोडशमात् का पूजन करें, पुष्प, चावल, फल, मिठाई, डोरी (कलावा) रोली आदि समर्पित करें, प्रमाण करें, प्रार्थना करें:- ’हे विष्णु प्रिये लक्ष्मी जी हमें धन-धान्य से परिपूर्ण रखें। आप ही सर्व हैं। हमें पूजन, मंत्रा, क्रिया नहीं आती, हम अपराधी हैं, पापी हैं। आपके इस पूजन में किसी प्रकार की, किसी भी वस्तु की कमी या त्राुटि हो, कमी हो तो हमें क्षमा करना। यह कहते हुये पुष्प और अक्षत लक्ष्मी जी पर अर्पित कर दें और फिर हाथ जोड़कर पूरी श्रद्धा से यह प्रार्थना करें कि भगवान गणेश जी व माता लक्ष्मी जी हमारे घर में स्थायी निवास करें और अन्य सभी देवी देवता हमें आर्शीवाद देते हुये अपने-अपने स्थान पर प्रस्थान करने की कृपा करें। इसके पश्चात् भोग लगाकर प्रसाद को घर में सबको बांटकर ग्रहण करें।

दीपावली पूजन कैसे करें----1

दीपावली पूजन कैसे करें----
कार्तिक कृ्ष्ण पक्ष की कार्तिक अमास्या, दिन बुधवार, चित्रा नक्षत्रकालीन में वर्ष 2011 की दीपावली का पूजन किया जाएगा. बुधवार की रात्रि को 18-46 से 2042 तक वृष लग्न तथा सिह लग्न मे श्री महालक्ष्मी का पूजन व दीपावली का शुभ पर्व इस दिन प्रदोष काल से मध्य रात्रि तक श्री लक्ष्मी नारायण का पूजन, कुबेर पूजन, दीप पूजन कर घर में दीप जलाकर मंत्र -जप, तप, ध्यान आदि कार्य कर्ने से अनेक गुणा पुन्यफल प्राप्त होते है.

प्रातः स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब निम्न संकल्प से दिनभर उपवास रहें- मम सर्वापच्छांतिपूर्वकदीर्घायुष्यबलपुष्टिनैरुज्यादि- सकलशुभफल प्राप्त्यर्थं गजतुरगरथराज्यैश्वर्यादिसकलसम्पदामुत्तरोत्तराभिवृद्ध्‌यर्थं इंद्रकुबेरसहितश्रीलक्ष्मीपूजनं करिष्ये। संध्या के समय पुनः स्नान करें। लक्ष्मीजी के स्वागत की तैयारी में घर की सफाई करके दीवार को चूने अथवा गेरू से पोतकर लक्ष्मीजी का चित्र बनाएं। (लक्ष्मीजी का छायाचित्र भी लगाया जा सकता है।)

भोजन में स्वादिष्ट व्यंजन, कदली फल, पापड़ तथा अनेक प्रकार की मिठाइयाँ बनाएं। लक्ष्मीजी के चित्र के सामने एक चौकी रखकर उस पर मौली बाँधें। इस पर गणेशजी की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें। फिर गणेशजी को तिलक कर पूजा करें। अब चौकी पर छः चौमुखे व 26 छोटे दीपक रखें। इनमें तेल-बत्ती डालकर जलाएं। फिर जल, मौली, चावल, फल, गुढ़, अबीर, गुलाल, धूप आदि से विधिवत पूजन करें। पूजा पहले पुरुष तथा बाद में स्त्रियां करें। पूजा के बाद एक-एक दीपक घर के कोनों में जलाकर रखें। एक छोटा तथा एक चौमुखा दीपक रखकर निम्न मंत्र से लक्ष्मीजी का पूजन करें- नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरेः प्रिया। या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात्वदर्चनात॥ इस मंत्र से इंद्र का ध्यान करें- ऐरावतसमारूढो वज्रहस्तो महाबलः। शतयज्ञाधिपो देवस्तमा इंद्राय ते नमः॥ इस मंत्र से कुबेर का ध्यान करें- धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च। भवंतु त्वत्प्रसादान्मे धनधान्यादिसम्पदः॥ इस पूजन के पश्चात तिजोरी में गणेशजी तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति रखकर विधिवत पूजा करें। तत्पश्चात इच्छानुसार घर की बहू-बेटियों को आशीष और उपहार दें। लक्ष्मी पूजन रात के बारह बजे करने का विशेष महत्व है। इसके लिए एक पाट पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर एक जोड़ी लक्ष्मी तथा गणेशजी की मूर्ति रखें। समीप ही एक सौ एक रुपए, सवा सेर चावल, गुढ़, चार केले, मूली, हरी ग्वार की फली तथा पाँच लड्डू रखकर लक्ष्मी-गणेश का पूजन करें। उन्हें लड्डुओं से भोग लगाएँ। दीपकों का काजल सभी स्त्री-पुरुष आँखों में लगाएं। फिर रात्रि जागरण कर गोपाल सहस्रनाम पाठ करें। इस दिन घर में बिल्ली आए तो उसे भगाएँ नहीं। बड़े-बुजुर्गों के चरणों की वंदना करें। व्यावसायिक प्रतिष्ठान, गद्दी की भी विधिपूर्वक पूजा करें। रात को बारह बजे दीपावली पूजन के उपरान्त चूने या गेरू में रुई भिगोकर चक्की, चूल्हा, सिल्ल, लोढ़ा तथा छाज (सूप) पर कंकू से तिलक करें। (हालांकि आजकल घरों मे ये सभी चीजें मौजूद नहीं है लेकिन भारत के गाँवों में और छोटे कस्बों में आज भी इन सभी चीजों का विशेष महत्व है क्योंकि जीवन और भोजन का आधार ये ही हैं) दूसरे दिन प्रातःकाल चार बजे उठकर पुराने छाज में कूड़ा रखकर उसे दूर फेंकने के लिए ले जाते समय कहें 'लक्ष्मी-लक्ष्मी आओ, दरिद्र-दरिद्र जाओ'। लक्ष्मी पूजन के बाद अपने घर के तुलसी के गमले में, पौधों के गमलों में घर के आसपास मौजूद पेड़ के पास दीपक रखें और अपने पड़ोसियों के घर भी दीपक रखकर आएं।

शनिवार, 8 अक्तूबर 2011

करवा चौथः 15 अक्तूबर, 2011

करवा चौथः 15 अक्तूबर, 2011
विवाहित स्त्रियों के लिए यह व्रत अखंड सौभाग्य का कारक होता है। करवा चौथः हिन्दु पंचांग अनुसार प्र.29 आश्विन, सं. 2068, दिन शनिवार कार्तिक पक्ष-14, डेट --15-10-2011 को करक चतुर्थी अर्थात करवा चौथ है! इस दिन चंद्रोदय शाम 7: 44 शाम [19:44] पर होगा! यह कार्तिक कृष्णा चतुर्थी/कारक चतुर्थी/करवा चौथ के रूप में मनाते हैं।
आप सभी जानते हैं कि करवाचौथ का पर्व मूल रूप से पति-पत्नी के बीच रिश्तों को और मजबूत करने का दिन होता है। खासकर जो नए जोड़े होते हैं, उनके लिए यह पर्व और भी मायने रखता है। एक-दूसरे को करीब से जानने और समझने का इससे बेहतर अवसर और क्या हो सकता है! लेकिन कुछ सालों से इसका स्वरूप काफी बदल गया है।
करवा चैथ व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी को किया जाता है। विवाहित स्त्रियों के लिए यह व्रत अखंड सौभाग्य का कारक होता है। विवाहित स्त्रियां इस दिन अपने प्राण बल्लभ की दीर्घायु एवं स्वास्थ्य की कामना करके भगवान रजनीश (चंद्रमा) को अघ्र्य अर्पित कर व्रत को पूर्ण करती हैं। इस व्रत में रात्रि बेला में शिव, पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा के चित्रों एवं सुहाग की वस्तुओं की पूजा का विधान है। इस दिन निर्जल व्रत रखकर चंद्र दर्शन और चंद्रमा को अघ्र्य अर्पण कर भोजन ग्रहण करना चाहिए। पीली मिट्टी की गौरी भी बनायी जाती है। कुछ स्त्रियां परस्पर चीनी या मिट्टी का करवा आदान प्रदान करती हैं। लोकाचार में कई स्त्रियां काली चिकनी मिट्टी के कच्चे करवे में चीनी की चासनी बनाकर डाल देती हैं अथवा आटे को घी में सेंककर चीनी मिलाकर लड्डू आदि बनाती हैं। पूरी-पुआ और विभिन्न प्रकार के पकवान भी इस दिन बनाए जाते हैं। नव विवाहिताएं विवाह के पहले वर्ष से ही यह व्रत प्रारंभ करती हैं। चैथ का व्रत चैथ से ही प्रारंभ कराया जाता है। इसके बाद ही अन्य महीनों के व्रत करने की परम्परा है।
नैवेद्य (भोग) में से कुछ पकवान ब्राह्मणों को दक्षिणा सहित दान करें तथा अपनी सासू मां को 13 लड्डू, एक लोटा, एक वस्त्र, कुछ पैसे रखकर एक करवा चरण छूकर दे दें। शेखावाटी (राजस्थान) में एक विशेष परम्परा है। वहां स्त्रियां कुम्हारों के यहां से करवा लाकर गेहूं या बाजरा भूनकर सथिया करके आटे की बनी हुई 13 मीठी टिक्कियां, एक गुड़ की डली और चार आने के पैसे या श्रद्धानुसार विवाह के साल टीका चावल लगाकर गेहूं के 13 दाने हाथ में लेकर कहानी सुनती हैं। करवा तथा पानी का लोटा रोली पाटे पर रखती हैं और कहानी सुनकर करवा अपनी सास के पैरों में अर्पित करती हैं। सास न हो तो मंदिर में चढ़ाती हैं।
उद्यापन करें तो 13 सुहागिन स्त्रियों को जिमावें। 13 करवा करें 13 जगह सीरा पूड़ी रखकर हाथ फेरें। सभी पर रुपया भी रखें। बायना जीमने वाली स्त्रियों को परोस दें। रुपया अपनी सास को दे दें। 13 करवा 13 सुहागिन स्त्रियों को भोजन कराने के बीच दे दें।
करवा चैथ का व्रत भारतीय संस्कृति के उस पवित्र बंधन या प्यार का प्रतीक है जो पति पत्नी के बीच होता है। भारतीय संस्कृति में पति को परमेश्वर माना गया है। यह व्रत पति पत्नी दोनों के लिए नव प्रणय निवेदन और एक दूसरे के प्रति हर्ष, प्रसन्नता, अपार प्रेम, त्याग एवं उत्सर्ग की चेतना लेकर आता है। इस दिन स्त्रियां नव वधू की भांति पूर्ण शृंगार कर सुहागिन के स्वरूप में रमण करती हुई भगवान रजनीश से अपने अखंड सुहाग की प्रार्थना करती हैं।
स्त्रियां शृंगार करके ईश्वर के समक्ष व्रत के बाद यह प्रण भी करती हैं कि वे मन, वचन एवं कर्म से पति के प्रति पूर्ण समर्पण की भावना रखेंगी तथा धर्म के मार्ग का अनुसरण करती हुई धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों को प्राप्त करेंगी।
कुंआरी कन्याएं इस दिन गौरा देवी का पूजन करती हैं। शिव पार्वती के पूजन का विधान इसलिए भी है कि जिस प्रकार शैलपुत्री पार्वती ने घोर तपस्या करके भगवान शंकर को प्राप्त कर अखंड सौभाग्य प्राप्त किया वैसा ही सौभाग्य उन्हें भी प्राप्त हो। इस संदर्भ में एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार पांडवों के बनवास के समय जब अर्जुन तप करने इंद्रनील पर्वत की ओर चले गए तो बहुत दिनों तक उनके वापस लौटने पर द्रौपदी को चिंता हुई। श्रीकृष्ण ने आकर द्रौपदी की चिंता दूर करते हुए करवा चैथ का व्रत बताया तथा इस संबंध में जो कथा शिवजी ने पार्वती को सुनाई थी, वह भी सुनाई। कथा इस प्रकार है।
इंद्रप्रस्थ नगरी में वेद शर्मा नामक एक विद्वान ब्राह्मण के सात पुत्र तथा एक पुत्री थी जिसका नाम वीरावती था। उसका विवाह सुदर्शन नामक एक ब्राह्मण के साथ हुआ। ब्राह्मण के सभी पुत्र विवाहित थे। एक बार करवा चैथ के व्रत के समय वीरावती की भाभियों ने तो पूर्ण विधि से व्रत किया, किंतु वीरावती सारा दिन निर्जल रहकर भूख सह सकी तथा निढाल होकर बैठ गई। भाइयों की चिंता पर भाभियों ने बताया कि वीरावती भूख से पीड़ित है। करवा चैथ का व्रत चंद्रमा देखकर ही खोलेगी। यह सुनकर भाइयों ने बाहर खेतों में जाकर आग जलाई तथा ऊपर कपड़ा तानकर चंद्रमा जैसा दृश्य बना दिया और जाकर बहन से कहा कि चांद निकल आया है, अघ्र्य दे दो। यह सुनकर वीरावती ने अघ्र्य देकर खाना खा लिया। नकली चंद्रमा को अघ्र्य देने से उसका व्रत खंडित हो गया तथा उसका पति अचानक बीमार पड़ गया। वह ठीक हो सका। एक बार इंद्र की पत्नी इंद्राणी करवा चैथ का व्रत करने पृथ्वी पर आईं। इसका पता लगने पर वीरावती ने जाकर इंद्राणी से प्रार्थना की कि उसके पति के ठीक होने का उपाय बताएं। इंद्राणी ने कहा कि तेरे पति की यह दशा तेरी ओर से रखे गए करवा चैथ व्रत के खंडित हो जाने के कारण हुई है। यदि तू करवा चैथ का व्रत पूर्ण विधि-विधान से बिना खंडित किए करेगी तो तेरा पति ठीक हो जाएगा। वीरावती ने करवा चैथ का व्रत पूर्ण विधि से संपन्न किया जिसके फलस्वरूप उसका पति बिलकुल ठीक हो गया। करवा चैथ का व्रत उसी समय से प्रचलित है।
अतः सौभाग्य, पुत्र-पौत्रादि और धन-धान्य के इच्छुक स्त्रियों को यह व्रत विधि पूर्वक करना चाहिए और इस दिन विभिन्न प्रकार के बधावे गाने चाहिए।
प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसन्धान केन्द्र सदर गजं बाजार मेरठ कैन्ट 09359109683