गुरुवार, 13 अक्तूबर 2011

दीपावली पूजन सामग्री

धूप बत्ती (अगरबत्ती);चन्दन;कुमकुम;चांवल;अबीर;गुलाल;अभ्रक;हल्दी;चूड़ी;काजल;पायजेब;सोभाग्य द्रव्य-मेहंदी;बिछुड़ी अदि आभूषण;नाडा(मोली/लच्छा);

कपूर;केसर;रुई;यज्ञोपवित(जनेऊ)-पांच/५;रोली;सिंदूर;सुपारी पण के पत्ते;पुष्पमाला;कमल गत्ते;धनिया(खड़ा/बिना पिसा हुआ);पांच मेवा;गंगाजल;कुषा एवं दूर्वा;सप्तधान्य;सप्त म्रत्रिका ;शहद(मधु);चीनी(शक्कर);शुध्द घी;दूध;दहीं;
ऋतुफल--(गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े इत्यादि)
नैवेद्य या मिष्ठान्न --(पेड़ा, मालपुए इत्यादि)
इलायची (छोटी);लौंग;इत्र की शीशी;तुलसी दल;सिंहासन (चौकी, आसन)
पंच पल्लव (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते)
औषधि (जटामॉसी, शिलाजीत आदि)
लक्ष्मीजी का पाना (अथवा मूर्ति);गणेशजी की मूर्ति;सरस्वती का चित्र;चाँदी का सिक्का
लक्ष्मीजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र
गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र
अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र
जल कलश (ताँबे या मिट्टी का)
सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
लाल कपड़ा (आधा मीटर)
पंच रत्न (सामर्थ्य अनुसार)
दीपक
बड़े दीपक के लिए तेल
ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा)
श्रीफल (नारियल)
धान्य (चावल, गेहूँ)
लेखनी (कलम)
बही-खाता, स्याही की दवात
तुला (तराजू)
पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल)
एक नई थैली में हल्दी की गाँठ,
खड़ा धनिया व दूर्वा आदि
खील-बताशे
अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र

तत्पश्चात् माता महालक्ष्मी जी का पूजन ’ओइम् महालक्ष्म्मै नमः‘ मन्त्र बोलते हुये सभी वस्तुएं यथा रोली, कलावा, पुष्प, मीठा व फल आदि लक्ष्मी जी को अर्पित करें। लक्ष्मी जी के पास बही खाते, कलम-दवात, कुबेर-यंत्रा, श्रीयंत्र आदि रखे।
कुबेर यंत्र पर ओम कुबेराय नमः मंत्र बोल कर पुष्प, चावल रोली,कलावा, फल व मिठाई आदि अर्पित करें। व्यापारी वर्ग बाट-तराजू की पूजा पुष्प चावल हाथ में लेकर ’ओम तुलाधिवठातृ देवतायें नमः‘ बोलते हुये अर्पित करे, इसके पश्चात् तेल के सभी दीपक जलाएं और पुष्प व चावल हाथ में लेकर ओम दीपावल्यै नमः का उच्चारण कर अर्पित करें।

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