बुधवार, 6 अक्तूबर 2010

शारदीय नवरात्र दिनांक शुक्रवार 8 अक्टूबर, 2010 से आरंभ

दुर्गा-सप्तशती के पाठों को करके कोई भी भक्त मनोवांछित फल प्राप्त कर सकता है।स्वस्थ्य जीवन, सुखद परिवार व शक्ति, शत्रु से विजय और आरोग्यता के लिए माँ भगवती की आराधना प्रत्येक व्यक्ति को श्रद्धा व विश्वास के साथ करनी व करानी चाहिए। शारदीय नवरात्र दिनांक शुक्रवार 8 अक्टूबर, 2010 से आरंभ होकर शनिवार दिनांक 16 अक्टूबर, 2010 को सम्पन्न होंगे।

शारदीय नवरात्र में शक्ति की पूजा करते हैं। शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक होते हैं। व्रती प्रतिपदा से नवमी तक व्रत करते हैं।

8 अक्टूबर शुक्रवार से नवरात्र प्रारंभ हो जाएंगे। घट स्थापना आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को चित्रा नक्षत्र एवं वैद्धति योग रहित समय में द्विस्वभाव लग्न प्रात: या मध्याह्न में की जाती है। इस वर्ष 8 अक्टूबर 2010 को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा है परन्तु उस दिन चित्रा नक्षत्र एवं वैद्धति योग रहित लग्न का अभाव है। ऐसी स्थिति में या तो लाभ का चौघडि़या में घट स्थापना करनी चाहिए या अभिजित मुहू‌र्त्त में घट स्थापना करनी चाहिए और उस दिन लाभ का चौघडि़या है प्रात: 7.30 बजे से 9 बजे तक और अभिजित मुहूर्त है 12 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजे तक है। परंतु इस दिन 12 बजकर 30 मिनट पर शुक्र वक्री हो रहा है। इसलिए इससे पहले घट स्थापना होना अति आवश्यक है।

8 अक्टूबर 2010 शुक्रवार को अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.36 से 12.24 के बीच है। अखण्ड ज्योति प्रज्जवलित करने के लिये शुद्ध देशी घी गाय का घी हो तो सर्वोत्तम है प्रयोग करनी चाहिए।

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