शनिवार, 19 दिसंबर 2009

गुरू के राशि परिवर्तन का प्रभाव

गुरू के राशि परिवर्तन का प्रभाव
गुरू नवग्रहों में ऐसा ग्रह है जो धर्म-अध्यात्म, बुद्धि-विवेक, ज्ञान, विवाह, पति, संतान, पुत्र सुख, बड़े भाई का कारक माना जाता है. स्वास्थ्य की दृष्टि से भी गुरू हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शरीर में वसा, पाचन क्रिया, कान, हृदय सहित लीवर को प्रभावित करता है. इन सभी विषयों में गुरू का प्रभाव आपको अपनी कुण्डली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार मिलता है।
20 दिसम्बर रात 12 बजकर 15 मिनट पर गुरू अपनी नीच राशि मकर से निकलकर कुम्भ राशि में प्रवेश कर गये हैं गुरू का कुम्भ राशि में गोचर सामान्य शुभ नहीं माना जाता है। गुरू का मंगल व शनि से षडाष्टक सम्बन्ध बन रहा है जो अशुभ फलदायक कहा गया है। इन ग्रहों का सीधा प्रभाप राष्ट ीय सुरक्षा व्यसस्था एवं सुधार कार्यो पर पड सकता है एवं आर्थिक क्षेत्र के लिए भी यह योग शुभ फलदायी नहीं है। इस राशि में गुरू लगभग पांच महीने यानी 1 मई 2010 तक रहेगा. इस दौरान आप भी गुरू को आशा भरी नजरों से देख सकते हैं अगर आप अविवाहित हैं और शादी करना चाहते या फिर आप संतान के इच्छुक हैं. अगर आप नौकरी-व्यवसाय में उन्नति की आशा रखते हैं अथवा किसी ऋण से मुक्ति की कोशिश कर रहे हैं तब भी गुरू के राशि परिवर्तन को उम्मीद भरी नजरों से देख सकते हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि इन सभी विषयों में शुभ और अपेक्षित परिणाम आपको अपनी राशि के अनुरूप प्राप्त होगा।
दिनांक 21 दिसम्बर 2009 को प्रातः 5 बजकर 23 मिनट पर वृश्चिक राशि से शुक्र धुन राशि में राशि परिवर्तन करगें बुध, राहु सूर्य शुक्र चारों ग्रह धनु राशि में युति करेंगे शुक्र अस्त सूर्य के साथ होने के कारण सभी ग्रहों फलों को प्रभावित किया जा रहा है राहु सूर्य ग्रहण योग का निर्माण कर रहे हैं। शुक्र के अस्त होने के कारण फिल्म/मनोरजन उद्योग को बडा झटका लगने के प्रबल योग बन रहे हैं इस योग के कारण अभिनैय के क्षेत्र में जनहानि हो सकती है।
कहा गया है- सर्पान्वितः स तु खगः शुभदोऽपि कष्टं।
दुःखं दशान्तयसमयें कुरूते विशेषात्।।
जो ग्रह राहु के साथ बैठता है वह ग्रह चाहे शुभ हो परन्तु कष्टकारक होते हैं, राहु सर्प है यह अपना जहर (विष) अपने साथ बैठने वाले ग्रहों को प्रदान करता है।
मेष राशि वाले जातकों के लिए गुरू का यह गोचर अत्यंत शुभ फलदायी रहेगा इसका कारण यह है कि आपकी राशि से एकादश भाव में गुरू का गोचर कर रहा है. इस स्थिति के कारण आपको धन का लाभ मिलेगा जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. सुख-सुविधाओं एवं मान-सम्मान में भी बढ़ोतरी होगी. मित्रों से भी लाभ की अच्छी संभावना रहेगी. अगर इन दिनों आपके विवाह की बात चल रही है तो आपका विवाह हो सकता है. अगर विवाहित हैं और संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं तो आपकी इच्छा पूरी हो सकती है.
उपाय ---विष्णु की पूजा कर सकते हैं तथा गुरू मंत्र का जप कर सकते हैं इससे शुभ फलों में वृद्धि होगी.
वृष राशि---आपको धैर्य एवं समझदारी से चलने का प्रयास करना होगा क्योंकि आपके लिए यह समय संघर्षमय रह सकता है. आपके लिए उचित होगा कि अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें और सभी को आदर दें. इससे आपका मान- सम्मान बना रहेगा. आर्थिक परेशानियां भी इन दिनों सिर उठा सकती हैं नये निवेश सोच समझ कर करें. नई योजना पर कार्य शुरू करने की सोच रहे हैं तो अभी उसे टाल देना उचित रहेगा क्योंकि, इस विषय में भी गुरू का इस समय आपकी जन्म राशि से दसवें घर में होना शुभ नहीं है।
उपाय ---गणेश जी की पूजा अर्चना करनी चाहिए गुरू की उपसना से भी आपको लाभ मिल सकता है।
मिथुन राशि--शुभ फलदायी भाग्य में वृद्धि होगी. धर्म एवं आध्यात्मिक दृष्टि से समय उत्तम रहेगा जिससे घर में धार्मिक कार्य सम्पन्न होंगे. भाई एवं संतान पक्ष से सहयोग प्राप्त होगा. आप अपने प्रयासों से मन की कुछ इच्छाओं को पूर्ण कर सकते हैं. बीते दिनों जिन समस्याओं से आप परेशान थे उनमें कमी महसूस करगें।
उपाय---विष्णु की आराधाना एवं गुरूवार के दिन व्रत व पूजा भी कर सकते हैं यह भी आपके लिए लाभप्रद रहेगा.
कर्क राशि ---आपको अपनी वाणी के साथ ही साथ क्रोध पर भी नियंत्रण रखना होगा अन्यथा घर-परिवार में जहां मुश्किलो का सामना करना पड़ सकता है कार्यक्षेत्र में नुकसान उठाना पड़ सकता है. मान-सम्मान की हानि आपकी जन्म राशि से आठवें घर में गुरू का गोचर होना स्वास्थ्य के लिए कष्टकारी रह सकता है. ऐसे में, आपके लिए उचित होगा कि अपनी सेहत का ध्यान रखें तथा अनावश्यक भाग-दौड़ से बचें।
उपाय---गुरूवार के दिन नवग्रह सूक्त का पाठ करना चाहिए. गुरूवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा गाय के घी का दीपक जलकर करनी चाहिए
सिंह राशि---आजीविका के क्षेत्र में सभी प्रकार की परेशानियां धीरे-धीरे कम होती जाएंगी और कामयाबी का रास्ता खुलेगा. आर्थिक परेशानियों भी दूर होंगी और आपने किसी से लोन लिया है तो उसे चुका देंगे. पारिवारिक समस्याएं भी बात-चीत व समझदारी से सुलझ सकती हैं। विवाह के इच्छुक हैं और घर में विवाह सम्बन्धी बात-चीत चल रही है तो इस अवधि में आपकी शादी होने की संभावना प्रबल है. सगे-सम्बन्धियों से सहयोग प्राप्त करना आसान होगा.
उपाय ---गुरू की शुभता का पूरा लाभ उठाने के लिए गायत्री मंत्र का जप करें,।
कन्या राशि---धैर्य एवं परिश्रम से कार्य करना उचित होगा राशि से छठे घर गुरू में है. इस गोचर के प्रभाव के कारण आपको स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है विशेष तौर पर पेट व त्वचा समबन्धी रोग आपके लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं. आप अगर किसी प्रतियोगिता परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हैं तो काफी मेहनत करनी होगी अन्यथा सफलता मिलना कठिन होगा. दाम्पत्य जीवन में भी समस्याएं उत्पन्न होंगी.
उपाय ---साई बाबा एवं गुरू की पूजा भी लाभकारी रहेगी.
तुला राशि---गुरू जन्म राशि से पांचवें घर में होना शुभ फलदायी रहेगा. गुरू के प्रभाव के कारण आपको भाग्य का सहयोग प्राप्त होगा. कई प्रकार की उलझनों को सुलझानें में सफल होंगे. नौकरी एवं व्यवसाय में लाभ की अच्छी संभावना रहेगी. कई नये कार्य भी इस अवधि में पूरे होंगे. आप चाहें तो इस समय निवेश भी कर सकते हैं. विवाह एवं संतान प्राप्ति के लिए भी गुरू का कुम्भ राशि में गोचर करना शुभ रहेगा.
उपाय -- गुरू के मंत्रों का जाप करें।
वृश्चिक राशि ---आपको कई प्रकार की परेशानियों से राहत मिलेगी परंतु मानसिक चिंताएं बढ़ेंगी. इस दौरान आप स्थान परिवर्तन कर सकते हैं अथवा नौकरी एवं व्यवसाय में बदलाव कर सकते हैं. कार्य क्षेत्र में सहकर्मियों से विवाद हो सकता है इसी प्रकार भाई-बंधुओं से भी मतभेद की स्थिति रह सकती है. आपकी मॉ को स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है चिकित्सक से परामर्श करना श्रेयकर होगा. आपके लिए सलाह है कि धैर्य व परिश्रम से अपने कार्य पर ध्यान दें.।
उपाय --गुरू की पूजा करें तथा गायत्री मंत्र का जाप प्रतिदिन एक माला करें।
धनु राशि--आपकी जन्म राशि से तीसरे घर में गुरू होगे जिससे भाई-बहनों से मतभेद हो सकता है. सगे-सम्बन्धियों से भी किसी बात को लेकर मतांतर रह सकता है. इन दिनों आप शारीरिक थकान महसूस कर सकते हैं. आर्थिक स्थिति में अनुकूलता बनाये रखने के लिए तथा सम्मान प्राप्ति हेतु आपको अपने कार्य व्यवसाय पर मनोयोग से ध्यान देना होगा. आपके लिए सलाह है कि गुरू के इस गोचर की अवधि में लम्बी यात्रों से बचें.
उपाय --- केले के पेड पर घी का दीपक जलायें तथा जल दें हल्दी डालकर।
मकर राशि --आपकी जन्म राशि से दूसरे घर में गुरू का गोचर होना आपके लिए सुखद होगा. गुरू के इस गोचर के प्रभाव से धन का लाभ होगा. यह आपके आत्मविश्वास को भी बढ़ायेगा तथा व्यवहार में भी बदलाव महसूस करेंगे. आप अगर विवाह के योग्य हैं तो आपकी शादी हो सकती है. संतान के इच्छुक हैं तो आपकी इच्छा पूरी होगी. छात्रों को शिक्षा में शुभ परिणाम प्राप्त होंगे.
उपाय ---भगवान विष्णु की आराधाना एवं गुरूवार के दिन व्रत व पूजा भी कर सकते हैं यह भी आपके लिए लाभप्रद रहेगा.
कुम्भ राशि --प्रथम भाव में गुरू के होने के कारण आपको उन बातों से बचना चाहिए जिससे सम्मान की हानि हो सकती है. गुरू का यह गोचर कार्य क्षेत्र में अनचाहे स्थान पर स्थानांतरण करवा सकता है. कार्यों में संतुष्टि की कमी रह सकती है. आपके कार्य विलम्ब से पूरे होंगे तथा आपके कार्य को कम सराहा जा सकता है. इसके अलावा मेहनत के बावजूद सफलता नहीं मिलने से मन असंतुष्ट रह सकता है.
उपाय----गायत्री मंत्र का जप करें, सूर्य नमस्कार करें. गुरू ग्रह की पूजा एवं उपासना से फायदा होगा तथा गुरूवार के केले पेड को जल दें।
मीन राशि--बारहवें घर में गुरू का अशुभ कहलाता है. गुरू के इस गोचर के प्रभाव के कारण आपके घर में कई मांगलिक कार्य भी हो सकते हैं जिससे आपके व्यय बढ़ेंगे. इससे आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. मित्रों द्वारा लगाये गये आरोप से मन दुरूखी रह सकता है. परिवर में जीवनसाथी एवं संतान से मतभेद हो सकता है. कोई पुराना रोग उभर सकता है.
उपाय----गायत्री मंत्र का जप करें, सूर्य नमस्कार करें. गुरू ग्रह की पूजा एवं उपासना से फायदा होगा तथा गुरूवार के केले पेड को जल दें।
जिन व्यक्तियों कि कुण्डली में गुरू 6,8 ,12 स्थानों पर है उन्हें गुरू महाराज की प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए माथे पर हल्दी या केसर को गाय के दूध में मिला कर मस्तक पर लगाना चाहिए।
पं0 राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य भृगु ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र सदर मेरठ कैंट

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