शनिवार, 24 सितंबर 2011

नवरात्र 28 सितम्बर से 05 अक्टूबर, 2011 तक

शारदीय नवरात्र 28 सितम्बर से 05 अक्टूबर, 2011 तक रहेंगे। 28 सितम्बर, बुधवार के दिन हस्त नक्षत् 13.38 तक है। त्पश्चात चित्रा प्रारम्भ होगा, जो घटस्थापना में वर्जित माना जाता है। बुधवार होने के कारण अभिजित भी वर्जित है। इसलिए इस दिन घटस्थापना सूर्योदय के पश्चात द्विस्वभाव लग्न कन्या में ही करना श्रेष्ठ है।
इनके दर्शन मात्र से सभी अभीष्ट पूरे होते है. शक्ति के महत्व के कारण ही भारत में अनेक शक्तिपीठ हैं. शक्तिपीठों की संख्या के संबंध में भिन्न-भिन्न मत हैं, लेकिन 'तंत्रचूड़ामणि' ग्रंथ के अनुसार, ऐसे 51 शक्तिपीठ हैं. इनमें कुछ प्रमुख के नाम हैं-ज्वालामुखी, कामाख्या, त्रिपुरसुंदरी, वाराही, काली, अंबिका, भ्रामरी, ललिता आदि।
घटस्थापना मुहूर्त मेरठ प्रातः 06 बजकर 16 मिनट से 07 बजकर 44 तक
नई दिल्ली प्रातः 06
बजकर 16 मिनट से 07 बजकर 44 मिनट तक
मुंबई प्रातः 06 बजकर 32 मिनट से 07 बजकर 54 मिनट तक

कोलकाता प्रातः 05 बजकर 30 मिनट से 06 बजकर 56 मिनट तक

चेन्नाई प्रातः 06 बजकर 01 मिनट से 07 बजकर 20 मिनट तक

जयपुर प्रातः 06 बजकर 21 मिनट से 07 बजकर 48 मिनट तक

जाधपुर
प्रातः 06 बजकर 32 से मिनट 07 बजकर 59 मिनट तक

चण्डीगढ़ प्रातः 06 बजकर 18 से मिनट 07 बजकर 48 मिनट तक

लखनऊ प्रातः 06 बजकर 01 से मिनट 07 बजकर 28 मिनट तक

वाराणसी प्रातः 05 बजकर 52 से मिनट 07 बजकर 18 मिनट तक

पटना प्रातः 05 बजकर 43 मिनट से 07 बजकर 10 मिनट तक
गुवाहाटी प्रातः 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 44 मिनट तक

भुवनेश्वर प्रातः 06 बजकर 40 मिनट से 07 बजकर 03 मिनट तक

रायपुर प्रातः 05 बजकर 57 मिनट से 07 बजकर 21 मिनट तक

हैदराबाद प्रातः 06 बजकर 09 मिनट से 07 बजकर 31 मिनट तक

बेंगलूरु प्रातः 06 बजकर 12 मिनट से 07 बजकर 32 मिनट तक

नागपुर प्रातः 06 बजकर 07 मिनट से 07 बजकर 31 मिनट तक

अहमदाबाद प्रातः 06 बजकर 34 मिनट से 07 बजकर 58 मिनट तक

भोपाल प्रातः 06 बजकर 14 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
व्यक्ति शक्ति पीठों के दर्शन के लिये नहीं जा पाते है, उन्हें घर में ही इन दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ कर लेना चाहिए. सामान्य दिनों में भी कई लोग इसका पाठ कर मनोवांछित फल प्राप्त करते हैं. ब्रह्म देव को पिता स्वरुप माना गया है. सभी देवों में उन्हें अधिक महत्व दिया गया है. परन्तु शक्ति पूजा को ब्रह्मा से भी श्रेष्ठतर माना गया है. वह सृष्टि के निर्माण, पालन या संहार का कारण नहीं है. यह सब ब्रह्म की शक्ति द्वारा ही संपन्न होता है. इसीलिए शक्ति पीठ सदा भक्तों से भरे रहते है.
प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसन्धान केन्द्र सदर गजं बाजार मेरठ कैन्ट 09359109683

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