शनिवार, 7 मई 2011

देव गुरू बृहस्पति 8 मई 2011 को दोपहर में 14 बजकर 14 मिनट पर मेष राशि मे प्रवेश करेगे मेष राशि मगंल कि राशि है तथा मगंल ग्रह देव गुरू बृहस्पति के मित्र माने गये है 17 मई 2011 तक देव गुरू बृहस्पति इस राशि मे भ्रमण करेगे। बृहस्पति नवग्रहों में सबसे शुभ है। कुंडली में शुभ बृहस्पति की स्थिति राजयोग कारक मानी गई है। मेष राशी में पहले से ही मंगल,शुक्र और बुध बेठे हे,..इन सभी का शनि के साथ षडाष्टक योग बन जायेगा, इस कारण महंगाई और बढ़ेगी तथा वातावरण तनावपूर्ण हो सकता है
मेष राशि वालों के लिए विशेष योग भी इस वर्ष रहेगा। देव गुरु बृहस्पति 13 वर्ष के पश्चात 8 मई 2011 को आपकी राशि में प्रवेश करेंगे और पूरे वर्ष भर आपकी ही राशि में रहेंगे। मेषराशि वालों के लिए देव गुरु बृहस्पति का राशि प्रवेश अनुकूल व लाभदायक रहेगा।
देव गुरू बृहस्पति को पीला रंग पसंद है। ये हाथ में छड़ी, कमल और मोती धारण किए हैं। बृहस्पतिदेव अंगीरासा के पुत्र हैं। बृहस्पति देवता की तीन पत्नियां शुभा, तारा और ममता हैं। इन्हें देवताओं के शिक्षक का स्थान प्राप्त है। बृहस्पति देवता ही पिछले जन्म के कर्मो, धर्म, ज्ञान और औलाद से संबंधित इश्यू का लेखा-जोखा रखते हैं। बृहस्पति देव के तीन नक्षत्रों (पुर्नवसु, विशाखा और पूर्व भाद्रपद) है और ये इनके देवता हैं। इनका रत्न पुखराज है। इनकी दिशा उत्तर-पूर्व है और इनके तत्व हिमद्रव और अंतरिक्ष हैं।
गुरू बृहस्पति के राशि परिर्वतन के साथ साथ अनेक परिर्वतन देश कि राजनैतिक क्षेत्रो मे दिखाई पडेगा। पडोसी देशो के साथ तनाव बढेगा महंगाई बढेगी।
विवाह में देरी का ज्योतिषिय कारण गुरु का कमजोर या विपरित होना माना जाता है। बृहस्पति की पूजा से भी इस दोष को दूर किया जा सकता है। दरअसल बृहस्पति की पूजा कई तरह के फल मिलते हैं। बस बृहस्पति के पूजन की विधि पवित्र और त्रुटि रहित होनी चाहिए। इससे बृहस्पति की पूजा का मनचाहा फल भी मिलता है।
जल्दी विवाह के लिए - गुरुवार को सुबह जल्दी जागकर, बृहस्पति देव का पूजन करें। पीली वस्तुएं, पीले फूल, चने की दाल, पीली मिठाई, पीले चावल आदि चढ़ाएं। अगर बृहस्पति लिंग रूप में हैं तो उनका केसर मिला दूध या पानी से अभिषेक करें। गुरुवार को उपवास करें या एक समय भोजन का नियम बनाएं।
धन प्राप्ति के लिए - बृहस्पति का पूजन कर पीली वस्तुओं का दान करें।
विद्या के लिए - बृहस्पति का रोजाना पूजन करें, अगर लिंग रूप में हो तो रोजाना जल चढ़ाएं।
परिवार में मधुरता के लिए - हर गुरुवार बृहस्पति को पीली मिठाई का भोग लगाएं। जल चढ़ाएं।
अच्छे व्यवसाय के लिए - गुरुवार को गरीबों को भोजन कराकर उचित दक्षिणा दें। बृहस्पति देव की पूजा गुरुवार को की जाती है,
मेष: मेष लग्न के लिए बृहस्पति भाग्योदय लाने वाले हैं नए प्रेम संबंध जन्म ले सकते हैं या पुराने प्रेम संबंध पुष्ट हो सकते हैं। जिनकी विवाह की उम्र है, उनके विवाह सम्पन्न हो सकते हैं। यह भाग्य फलने का वर्ष है
वृषभ: वृषभ लग्न के लिए यह ख्याति का वर्ष है भूमि से ब़डा लाभ, जमीन, मकान, खान से लाभ या ब़डी आर्थिक व्यवस्था, इसके आवश्यक परिणाम हैं। आपको आध्यात्म का नया परिचय मिलेगा,
मिथुन: लग्न से ग्यारहवें बृहस्पति लाभदायक हैं और प्रतिभा पर आधारित कार्य कराना चाहते हैं। यह अत्यन्त ओजस्वी बृहस्पति हैं जो ब़डे भाई या बहिन की तो चिंता कराएंगे,भागीदारी में लाभ होंगे, जीवनसाथी को व्यवसाय में लाभ होगा, उनके जीवन को नई ऊंचाई मिलेगी।
कर्क: राशि से दशम बृहस्पति प्रारंभ से ही शुभ फल देना शुरू कर देंगे वस्त्र और आभूषण बनेंगे तथा ऋण लेंगे।पिता के लिए शुभ समय चल रहा है,शासन से आपके संबंध सुधरेंगे।
सिंह: इस वर्ष बहुत दावतें मिलेंगी। खुशी के एक से अधिक अवसर होंगे,धार्मिक कार्यो में रूचि बढ़ेगी, धर्म कार्यो पर खर्चा करेंगे, पिता और माता के लिए अत्यन्त शुभ समय है और दूरस्थ स्थानों की या विदेश की यात्राएं होंगी।
कन्या: आठवें बृहस्पति भूमि प्राप्ति कराएंगे। अचानक धन प्राप्ति कराएंगे, ब़डे उपहार दिलाएंगे, कुल मिलाकर अच्छा रहेगा परन्तु शारीरिक कष्टों से बचने के लिए खानपान पर बहुत अधिक ध्यान दें।
तुला : प्रेम संबंधों में अति सावधानी बरतें। कोई बनी हुई बात बिग़ड सकती है। आपसी संबंधों में अहंकार को सामने नहीं आने दें। इस वर्ष भागीदारी में बहुत अधिक सावधानी बरतनी होगी
वृश्चिक: बृहस्पति के प्रभाव में धनागम काफी होगा और ऋण भी बढ़ेगा।जीवनसाथी के लिए भी अच्छा रहेगा राजपक्ष से लाभ मिलेगा, व्यवसाय शैली में परिवर्तन और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। साढ़ेसाती की शुरूआत है जिसके अच्छा जाने की संभावना है
धनु : यह वर्ष भाग्योदय वाला है जिसमें आपकी पद-प्रतिष्ठा बढ़ेगी और संतान को लाभ होगा। आर्थिक लाभ की मात्रा में बढ़ोत्तरी होगी। छोटी-मोटी आकस्मिक घटनाएं हो सकती हैं परंतु बृहस्पति देवता के कारण आपकी रक्षा होती रहेगी
मकर : नौकरी करने वालों के लिए यह वर्ष बहुत अच्छा जाएगा। व्यवसाय में भी आवश्यक परिवर्तन आएंगे और आप कुछ नया करने की सोचेंगे। आपको अच्छा समर्थन मिलेगा। आपकी प्रतिष्ठा अचानक बढ़ेगी नौकरी या व्यवसाय में कोई पी़डा आ सकती है।
कुंभ : यह भाग्यशाली वर्ष है जिसमें बृहस्पति देवता आपके सप्तम, नवम व एकादश भाव को दृष्टिपात करते रहेंगे। प्रेम संबंधों में सफलता मिलेगी, जीवनसाथी के कार्य-व्यवसाय में बढ़ोत्तरी होगी, नए-नए अवसर मिलेंगे और आर्थिक लाभ की मात्रा बढ़ेगी।
मीन : इस आपकी महत्वाकांक्षाएं परवान चढ़ेंगी और आप जोश व उत्साह में भर जाएंगे। पारिवारिक मामलों में ब़डा दायित्व निभाएंगे और कई बार मंगलकारी कार्य होने के कारण दावतों में भाग लेंगे।
प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसन्धान केन्द्र सदर गजं बाजार मेरठ कैन्ट
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