बुधवार, 14 जुलाई 2010

जन्म के शनि के अनुसार शनि का मुख्य फल मिलता है।

जन्म के शनि के अनुसार शनि का मुख्य फल मिलता है। जिसकी जन्म पत्रिका में ढैया शनि का संबंध शुभ प्रभावों से हो अथवा महादशा या अंतर्दशा शुभ हो, तो शनि का प्रभाव अशुभ नहीं होगा। यदि जातक को लघु कल्याणी शनि या साढे़साती शनि अशुभ हो और जन्मकुंडली में शनि अशुभ पाप पीड़ित हो, तो साढे़साती का फल बहुत ज्यादा शुभ होगा और ढैया शनि का फल उससे कुछ कम शुभ होगा। यह चिंता वृद्धि, अशांति, धन हानि, रोग, क्लेश करेगा। यदि जन्म का शनि उच्च का, स्वगृही, शुभ व वर्गोत्तमी हो, तो शुभ फल देगा। शनि अष्टमेश या मारकेश हो, तो उसकी साढे़साती या ढैया दशा अशुभ फलदायक होगी। जन्म का शनि कुंडली में लग्नेश, पंचमेश, नवमेश या दशमेश होकर तीसरे, छठे या ग्यारहवें स्थान में हो, तो संपत्ति, सुख, व्यापार आदि में लाभकारी होता है।
शनि के दुष्प्रभावों को दूर करने के उपाय:
शनि के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए कुछ उपाय, अलग-अलग ग्रंथों में अलग-अलग तरह से बताए गए हैं जिनमें से कुछ उपायों का विवरण निम्नानुसार है।
-शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढे़साती या ढैया के दौरान मांस एवं मंदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- काले रंग के वस्त्र में 740 ग्राम काले उड़द और तांबे का सिक्का बांधकर बहते हुए पानी में बहाने से लाभ होता है।
- शनिवार को श्रद्धा एवं विश्वास पूर्वक व्रत करें।
- शनि से संबंधित वस्तुएं घर में स्थापित करें।
- लोहे की वस्तुएं दान करें।
- कर्क राशि वाले जातक तांबे का सिक्का मुख्य द्वारा के नीचे गाड़ें।
- शनि स्तोत्र का पाठ व जप करें।
- घर में भूरे पत्थर की शिला स्थापित करना शुभ है।
- शनि से संबंधित वस्तुएं (तेल, चमड़ा, तांबा, वस्त्र, लोहा, काले तिल आदि) दान में न लें।
- बड़े बूढ़ों का आशीर्वाद लें व उनकी सेवा करें।
- लोहे का बिना जोड़ वाला छल्ला दायें हाथ की बड़ी उंगली में पहनें।
- शुक्रवार की रात 750 ग्राम काले तिल भिगोकर सुबह शनिवार को काले घोड़े को खिलाएं।
- अपने चरित्र का विशेष ध्यान रखें।
- पैतृक संपत्तियों का विक्रय किसी भी कीमत पर न करें।
- शनिवार को न तो लोहा खरीदें और न हीं बेचें।
- शनिवार को भी सूर्य को अर्घ्य दें।
- वृष राशि आदि में यदि साढ़ेसाती या ढैया हो, तो अमावस्या को किसी नाले में नीले फूल डालें।
- अपने मकान व बिस्तर के चारों कोनों पर लोहे की चार कीलें गाड़ें।
- घर के अंधेरे कमरों में लोहे के पात्रों में सरसों का तेल भरकर रखें।
- यदि संभव हो तो काला कुत्ता पालें।
- धन की रक्षा के लिए एक नारियल काले कपड़े में लपेट कर तिजोरी में रखें।
- शनिवार को गुड़ में काले तिल के लड्डू बनाकर दान करें।
- शनिदोष निवारक यंत्र: किसी योग्य तांत्रिक या गुरु द्वारा प्रदत्त शनि दोष निवारक यंत्र प्राण प्रतिष्ठित कर घर में स्थापित करें या करवाएं। इसके अतिरिक्त इस यंत्र का विधिपूर्वक पूजन-अर्चन व साधना कर गले या बाजू में बांधने से शनि की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है।
- संपूर्ण बाधा मुक्ति यंत्र प्राप्त कर पूजा स्थल पर प्राणप्रतिष्ठित कर रखें एवं वहां नित्यप्रति धूप एवं दीप जलाएं।
- लाभकारी महिमा मंडित पारद माला: किसी योग्य तांत्रिक गुरु द्वारा निर्मित व प्राण प्रतिष्ठित, महिमामंडित शुद्ध पारदमाला धारण करने से भी साढ़ेसाती, ढैया या शनि की दशा-अंतर्दशा के दोष निवारण में लाभ होता है।
- शनि दोष निवारक पिरामिड: किसी योग्य गुरु द्वारा निर्मित व प्राण-प्रतिष्ठित शनि पिरामिड का प्रयोग कर आप शनि की साढ़ेसाती या ढैया के दोष का निवारण कर सकते हैं।

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