शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2009

छठ पर्व पर व्रत करने वाली महिलाओं को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है

24 अक्टूबर- सूर्यषष्ठी व्रत-छठ पूजा (बिहार, झारखंड), प्रतिहारषष्ठी व्रत (मिथिलांचल), डाला छठ (काशी), स्कन्द (कुमार) षष्ठी व्रत, रवियोग दिन-रात, शनिदेव दर्शन-पूजन, छाया-दान। व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं और वे पानी भी ग्रहण नहीं करते।छठ पर्व मूलत: सूर्य की आराधना का पर्व है, जिसे हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। हिंदू धर्म के देवताओं की सूची में सूर्य ही एक मात्र देवता है जिन्हें मूर्त रूप में देखा जा सकता है। बाकी सभी देवताओं को कल्पना के आधार पर आकार दिया गया है।व्रतधारियों के मुताबिक छठ पर्व पर व्रत करने वाली महिलाओं को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। पुत्र की चाहत रखने वाली और पुत्र की सकुशलता के लिए महिलाएं सामान्य तौर पर यह व्रत रखती हैं। वैसे तो छठ का व्रत पुरुष भी पूरे मनोभाव से रखते हैं।सूर्यदेव न केवल अन्न, फल आदि को पकाते हैं, बल्कि नदियों, समुद्रों से जल ग्रहण कर पृथ्वी पर वर्षा भी कराते हैं। संपूर्ण प्राणियों के वे पोषक हैं। साथ ही, उपासना करने पर वे सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति करने में भी सक्षम हैं। मान्यता है कि चर्म रोग, जिसमें कोढ़ के समान कठिन रोग भी सम्मिलित है, से छुटकारा पाने के लिए सूर्योपासना सर्वाधिक सशक्त साधन है। सूर्य की उपासना हमें दीर्घायु भी बनाती है। अथर्ववेद में कहा गया है- आकाश की पीठ पर उड़ते हुए अदिति (देवताओं की माता) के पुत्र सुंदर पक्षी सूर्य के निकट कुछ मांगने के लिए डरता हुआ जाता है। हे सूर्य! आप हमारी आयु दीर्घ करें। हमें कष्टों से रहित करें। हम पर आपकी अनुकंपा बनी रहे। ऐसे सभी प्राणियों के पोषक, दिवा रात्रि और ऋतु परिवर्तन के कारक, विभिन्न व्याधियों के विनाशक सूर्य-देव को हम सूर्य षष्ठी के पावन पर्व पर अपना नमस्कार निवेदित करते हैं। सूर्य की शक्तियों का मुख्य स्रोत उनकी पत्नी ऊषा और प्रत्यूषा हैं। वास्तव में सूर्य के साथ-साथ दोनों शक्तियों की संयुक्त आराधना होती है। प्रात:काल में सूर्य की पहली किरण (ऊषा) और सायंकाल में सूर्य की अंतिम किरण (प्रत्यूषा) को अघ्र्य देकर दोनों का नमन किया जाता है।
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
"हिंदी" हैं हम, वतन है- हिंदोस्ताँ हमारा
मैने एक समाचार पत्र में पढा तो मन गद- गद हो गया वाराणसी में रहने वाली नाजनीन अंसारी और नजमा ने छठ पूजा की तैयारी पूरी कर ली है। वर्ष 2008 मे भी अंसारी परिवार के द्धारा छठ पूजा का आयोजन किया गया था इस वर्ष भी छठ पूजा के लिए खासा व्यस्त हैं छठ पूजा छवी मेरी नहीं है इसमे मेरे द्धारा गुगल का सहयोग प्राप्त किया गया!

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