सूर्य ग्रहण 20 मई 2012 रविवार (ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या) को होगा। इस दिन शनि जयंती का योग भी बन रहा है। सूर्यग्रहण का यह दुर्लभ संयोग सौ साल बाद आ रहा है। जिसमें एक ही राशि में छह ग्रहों के साथ सूर्यग्रहण आएगा। इस दिन वृषभ राशि में चंद्रमा, बुध, सूर्य, गुरू और केतु रहेंगे।
ये पहली बार नहीं है जब शनि जयंती के दिन सूर्य ग्रहण का योग बन रहा है।
पं. शर्मा के अनुसार इसके पहले 2011 में भी शनि जयंती व सूर्य ग्रहण का
योग बना था।
पांचागों के अनुसार इस साल का पहला कंकड़ाकृति सूर्य ग्रहण
20 मई 2012 रविवार (ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या) को होगा। इस दिन शनि जयंती का
योग भी बन रहा है। सूर्यग्रहण का यह दुर्लभ संयोग सौ साल बाद आ रहा है।
जिसमें एक ही राशि में छह ग्रहों के साथ सूर्यग्रहण आएगा। इस दिन वृषभ राशि
में चंद्रमा, बुध, सूर्य, गुरू और केतु रहेंगे। ग्रहो का ये योग अद्वभुत
योग है ज्योतिषियों के अनुसार यह ग्रहण कृत्तिका नक्षत्र, वृष राशि में
होगा, जो भारत के केवल पूर्वी भाग में खण्डग्रास रूप में दिखाई देगा। ग्रहण
का मोक्ष दूसरे दिन यानी 21 मई 2012 सोमवार को सुबह 4 बजकर 51 मिनिट पर
होगा। वृष राशि में ग्रहण होने से प्राकृतिक आपदा से जन-धन की हानि के योग
बन रहे हैं। सरकार और नागरिकों के बीच तनाव और संघर्ष की स्थिति बन सकती
है। राष्ट्र को बड़े राजनेताओं की हानि हो सकती है। आकस्मिक दुर्घटना जैसे
रेल हादसे, विमान हादसे के कारण जान-माल का नुकसान भी संभावित है। पड़ोसी
देशों से संबंधों में भी कुछ मतभेद हो सकते हैं।
भारत में जिन भागों में यह ग्रहण दिखाई देगा, केवल उन्हीं भागों में इसके
सूतक पर विचार किया जाएगा.ऐसा मेरे कुछ मित्रो का मानना है परन्तु मेरे
विचारो मे भिन्नता है मेरा विचार है भारत वर्ष एक है सूतक का प्रभाव सारे
भरतवर्ष पर पडेगा विचार किया जाना चाहिये इस दिन ग्रहण का सूतक स्थानीय
सूर्योदय से 12 घण्टे पहले 20 मई से ही आरम्भ हो जाएगा. 20 मई को यह सूतक
शाम 4 बजकर 30 मिनट से से आरम्भ हो जाएगा. यदि किसी को सूतक का समय जानना
है तब उस स्थान के सूर्योदय से 12 घण्टे पहले का समय लेकर जान सकता है.
हिंदू धर्म के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती का पर्व मनाया
जाता है। इस दिन भगवान शनि देव का विशेष पूजन किया जाता है। इस बार यह पर्व
20 मई 2012 रविवार को है। लेकिन शनि जयंती के दिन ही इस बार सूर्य ग्रहण
का योग भी बन रहा है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य व शनि पिता-पुत्र हैं इसलिए
शनि जयंती के दिन सूर्य ग्रहण होना ज्योतिषिय दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण
घटना है।
ग्रहण के समय मौन रहोगे, जप करोगे, ध्यान करोगे...... तो १०,००० गुना फल
प्राप्त होगा सूर्य ग्रहण के समय हज़ार काम छोड़ कर मौनधारण करे और अपने
ईष्ट का जप करे। जिन्हें अपने ईष्टदेव का नहीं पता है वह अपने पारीवारिक
रीति रिवाजों के अनुसार ईश्वर का ध्यान करना चाहिये. पूजन, जाप, हवन,
तर्पण, पाठ, दान आदि कार्य ग्रहण समय तथा सूतक समय में किए जा सकते हैं.
शुक्र कि वस्तुओ पर प्रभाव दिखेगा — चांदी के जेवर या अन्य पदार्थ
,अगरबत्ती व धूप ,श्वेत पदार्थ , कला क्षेत्र ,अभिनय , टूरिज्म , वाहन ,दूध
दही ,चावल ,शराब ,श्रृंगार के साधन ,गिफ्ट हॉउस ,चाय -कोफ़ी ,गारमेंट्स
,इत्र,,ड्रेस डिजायनिंग ,मनोरंजन के साधन ,फिल्म उद्योग ,वीडियो पार्लर
,मैरिज ब्यूरो ,इंटीरियर डेकोरेशन ,हीरे के आभूषण ,पालतू पशुओं का व्यापार
या चिकित्सक , चित्रकला तथा स्त्रियों के काम में आने वाले पदार्थ , मैरिज
पैलेस एवम विवाह में काम आने वाले सभी कार्य व पदार्थ इत्यादि |
प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसन्धान केन्द्र सदर गजं बाजार मेरठ
कैन्ट के अनुसार के इस बार शनि जयंती के दिन सूर्य ग्रहण होना शुभ है। शनि,
सूर्य के पुत्र हैं तथा सूर्य से शत्रुता का भाव रखते हैं किंतु सूर्य,
शनि के साथ शत्रुता का भाव नही रखते। 20 मई 2012 रविवार को होने वाला सूर्य
ग्रहण व शनि जयंती का संयोग अच्छी वर्षा तथा विदेशी व्यापार में सफलता की
ओर संकेत करता है। सूर्य ग्रहण का प्रभाव जिन देशों में होगा उनके शत्रुओं
का दमन होगा। भारत के लिए आने वाला सूर्यग्रहण लाभकारी होगा जो चीन तथा
पाकिस्तान को सीमित रखने में सफल होगा।
कब-कब बना शनि जयंती के दिन सूर्य ग्रहण का योग
इसके पूर्व 10 जून 2002 एवं 31 मई 2003 में भी यह योग बना था। शनि
जयंती के साथ सूर्य ग्रहण का योग पिछले वर्षों में कई बार बना है। 30 मई
1946, 20 मई 1947, 10 जून 1964, 30 मई 1965, 20 मई 1966, 8-9 मई 1967 में
भी यह योग बना था। आगे 10 जून 2021 में भी सूर्य ग्रहण के साथ शनि जयंती का
योग बनेगा।
वृष राशि में ग्रहण होने से प्राकृतिक आपदा से जन-धन की हानि के योग बन रहे
हैं। सरकार और नागरिकों के बीच तनाव और संघर्ष की स्थिति बन सकती है।
राष्ट्र को बड़े राजनेताओं की हानि हो सकती है। आकस्मिक दुर्घटना जैसे रेल
हादसे, विमान हादसे के कारण जान-माल का नुकसान भी संभावित है। पड़ोसी देशों
से भी संबंध तनावपूर्ण रहेंगे।
- मेष राशि के जातकों को कष्ट हो सकता है. उन्हें हानि का सामना करना पड़ सकता है.
- वृष राशि के जातकों को शारीरिक कष्ट हो सकते हैं. इनके धन का क्षय भी हो सकता है. इन्हें सतर्क रहना चाहिए.
- मिथुन राशि के जातकों को इस ग्रहण का फल अच्छा मिलने में सन्देह है. इन्हें धन हानि हो सकती है.
- कर्क जातकों के लिए इस ग्रहण का फल शुभफलदायी होगा. इन्हें धन लाभ होने की संभावना बनती है.
- सिंह राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण सुखदायी तथा कल्याणकारी रहने की संभावना बनती है.
- कन्या राशि वाले लोगों को सवधान रहना चाहिए. फालतू की बातों में ना उलझे अन्यथा उन्हें अपमानित होना पड़ सकता है.
- तुला राशि को विशेषरुप से सतर्क रहना चाहिए. उन्हें अधिक कष्ट उठाने पड़ सकते हैं.
- वृश्चिक राशि के जातकों को अपने जीवनसाथी से कष्ट हो सकता है. आपसी अनबन अथवा जीवनसाथी को शारीरिक कष्ट होने की संभावना बनती है.
- धनु राशि के व्यक्तियों के लिए यह ग्रहण शुभ रहेगा. उन्हें सुख-साधनों की प्राप्ति के योग बनते हैं.
- मकर राशि के जातकों के लिए ग्रहण का फल चिन्ताजनक हो सकता है. आप किसी चिन्ता से घिरे रह सकते हैं.
- कुम्भ राशि के जातकों के लिए ग्रहण का प्रभाव कष्टकारी रह सकता है. आपको कुछ कष्टों का सामना करना पड़ सकता है.
- मीन राशि के व्यक्तियों के लिए ग्रहण का फल शुभफलदायी रहने की संभावना बनती है. आपको कहीं ना कहीं से धन लाभ हो सकता है.
- दूसरा ग्रहण 15दिन बाद जून सोमवार को पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि पर पडेगा। अमावस्या पर लगने वाले सूर्य ग्रहण से मेष, वृष, मिथुन, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर और कुंभ राशि प्रभावित होंगी। जबकि कर्क, सिंह, धनु और मीन राशि वालों के लिए अच्छा साबित होगा।
- शनि ज्यन्ती पर शनि शमन के उपाय करे
- शनिदेव तो कर्मफलदाता है और किसी का पक्षपात नहीं करते हैं। शनि अनुकूलन के उपाय का तात्पर्य वैसे शास्त्रोंक्त अनुष्ठानों व शुभ कर्मों से है जिससे पूर्वकृत कर्मों का प्रायश्चित हो जाता है।
- घर में नीले रंग के वस्त्र, नीले रंग के पर्दे, नीले रंग की चादरें व दीवारों पर भी नीला रंग का प्रयोग करें।
- लगातार 27 शनिवारों को 7 बादाम और 7 उड़द के दाने किसी धर्म स्थान पर रख के आ जायें।
- मांस-मदिरा से दूर रहें।
- किसी भी शनिवार को शुरू करके 43 दिनों तक सूर्योदय के समय शनिदेव पर तेल चढ़ाएं।
- पीपल के वृक्ष पर शनिवार को जल चढाये सूर्य उदय से पूर्व या सूर्य उदय के पश्चात।
- चांदी का चौकोर टुकड़ा सदा अपने पास रखें।
- स्नान करते समय पानी में कच्चा दूध डाल कर लकड़ी के पट्टे पर बैठकर नहायें।
- यदि चन्द्रमा ठीक न हो तो 500 ग्राम उड़द में सरसों का तेल लगाकर पानी में प्रवाहित करें।
- चन्द्रमा प्रतिकूल हो तो 500 ग्राम दूध सोमवार के दिन बहते पानी में प्रवाहित करें और शनिवार के दिन उड़द प्रवाहित करें।
- शनिवार का व्रत रखें और तेल से शनि का अभिषेक करें। नमक का प्रयोग न करे।
- किसी गरीब लड़की के विवाह में जलावन के लिए कोयले या ईंधन खरीदकर दें।
- झूठ न बोलें। शराब व मांसाहार से दूर रहें।
- रोटी के टुकड़ों पर सरसों का तेल चुपड़कर कौओं या कुत्तो को खिलायें।
- शनिवार के दिन पत्थर के कोयले लंगर पकाने के लिए किसी धार्मिक स्थान में दान दें।
- गौ माता की सेवा करें।
- केसर का तिलक नियमित रूप से माथे पर लगाया करें।
- लोहे की वस्तुएं यानी तवा, चिमटा, अंगीठी आदि का दान किसी संत या सज्जन पुरुष को करें।
- यदि कारोबार में घाटा हो रहा हो तो लगातार 43 दिनों तक कौओं या कुत्तों के लिए रोटी डालें।
- लोहे की बासुरी में खांड भरकर किसी वीरान स्थान में दबा दें।
प० राजेश कुमार शर्मा भृगु ज्योतिष अनुसन्धान केन्द्र सदर गजं बाजार मेरठ कैन्ट 09359109683
Thanks for this important information....
जवाब देंहटाएंThanks for this important information....
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जवाब देंहटाएंpranaam pandit jee,
जवाब देंहटाएंaapkaa blog sadaa hai gyaanvardhak aur prernaa daayi rahaa hai.
kripyaa apnaa aashirvaad aisey hi banaaye rakhen.
-renu ahuja